Tag: #रवि रश्मि अनुभूति

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर० रवि रश्मि अनुभूति के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

  • महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘

    महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘

    महापर्व संक्रांति / रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘

    मधुर – मृदु बोल संक्रांति पर , तिल – गुड़ – लड्डू के खाओ
    मिलजुलकर सभी प्रेम – प्यार , समता , सौहार्द बढ़ाओ
    महापर्व संक्रांति लाए सदा , खुशहाली चहुँ ओर ,
    पतंग उड़ाओ , शुभकामनाएँ लेते – देते जाओ ।

    patang-makar-sankranti

    आया – आया करो स्वागत , पर्व संक्रांति का महान
    सपने ऊँचे सजाकर तुम , छू लो विस्तृत आसमान
    आशाओं की उड़े पतंग , थामो विश्वासों की डोर ,
    पुण्य कमाओ आज सभी , देकर प्रेम से कुछ भी दान ।

    कितना बढ़िया पावन , मनमोहक है , खुशी का त्योहार
    अफ़सोस ! आता नहीं मनोहर , यह त्योहार बार – बार
    ख़ुशबू ही ख़ुशबू फैली जा रही , अब तो चारों ओर ,
    गन्ने – रस की खीर , तिल – गुड़ के लड्डू होंगे तैयार ।

    अन्य राज्यों के साथ अब तो , पंजाब भी सराबोर
    गूँजता जा रहा लोहड़ी के , संगीत का मधुर शोर
    सुन्दर मुंदरिए मनोहर गाना , सबको ही है भाता ,
    भंगड़े – गिद्दे के साथ , थामते सब पतंग की डोर ।

    रवि रश्मि ‘ अनुभूति ‘