जाग्रत हो हे भारतवासी
जाग्रत हो हे भारतवासी कविता संग्रह जहाँ कभी पुष्प वाटिका हुआ करती थी, वहाँ आज लाशों का अंबार लगा हुआ है ,जो जमीन कभी सोने की चिड़िया होती थी ,वहाँ…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0 रूपेश कुमार के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
जाग्रत हो हे भारतवासी कविता संग्रह जहाँ कभी पुष्प वाटिका हुआ करती थी, वहाँ आज लाशों का अंबार लगा हुआ है ,जो जमीन कभी सोने की चिड़िया होती थी ,वहाँ…
रिजल्ट ही सबकुछ नहीं है जीवन में- रुपेश कुमार के द्वारा लिखित लेख