यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर 0शिवराज चौहान के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान

बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान*लापरवाही इक बड़ी,*                           *बनकर आई काल।**पल में प्रलय हो गई,*                          *छीने बाल गोपाल।।*लाड प्यार तैयार कर,                               देकर बस्ता, भोज। दादा दादी मात पिता,…

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नारी पर कविता

स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के…

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मिल्खा सिंह राठौड़ पर कविता

मिल्खा सिंह राठौड़ पर कविता कविता संग्रह उड़न सिक्ख मिल्खा सिंह जी, इक राजपूत राठौड़ भए।दौड़ दौड़ कर दुनियां में, दिल से दिल को जोड़ गए।।वो उस भारत में जन्मे…

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मणिकर्णिका-झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर कविता

मणिकर्णिका-झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर कविता अंग्रेजों को याद दिला दी, जिसने उनकी नानी।मर्दानी, हिंदुस्तानी थी, वो झांसी की रानी।।अट्ठारह सौ अट्ठाइस में, उन्नीस नवंबर दिन था।वाराणसी हुई वारे न्यारे,…

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मुखौटा पर कविता

मुखौटा पर कविता कविता संग्रह हां!मैं मुखौटा।मेरी ओट मेंमुंह जो होता।अंदर से रोकरबाहर हंसाता भी हूं।कभी कभीहोली के हुड़दंग में,बच्चों कोडराता भी हूं।मैंछुपा लेता हूं।मुखड़े की मक्कारियां।आंखों की होश्यारियां।और दिल…

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पुलवामा पर कविता

पुलवामा पर कविता प्रेम दिवस पर पुलवामा में,परवानों को प्यार हुआ।आज गीदड़ों के हाथों,था शेरों का संहार हुआ।।कट गई,फट गई,बंट गई वो,फिर भी उसको हमदर्दी थी।सहज सहेजे थी अब तक,वो…

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जो भारत मां के प्यारे हैं -शिवराज चौहान

जो भारत मां के प्यारे हैं -शिवराज चौहान *कलम तू बोल जय उनकी,* *जो भारत मां के प्यारे हैं।**वो सूरज हैं वो चंदा हैं,* *वो बलिदानी सितारे हैं।।*ये मिट्टी की…

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राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण पर कविता / शिवराज चौहान

यह हिंदी कविता - राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण पर रचित है .  एक हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि के पवित्र तीर्थ स्थल पर पुनः नए रूप में बनाया जा रहा हेैं।…

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कहां पर खो गया हिंदुस्तान?- शिवराज सिंह चौहान

कहां पर खो गया हिंदुस्तान? खुदा खौफ खाए बैठे,भयभीत भये भगवान।ये कैसा हो गया हिंदुस्तान,कहां पे खो गया हिंदुस्तान।। कोख में बैठी बेटी भी,ये सोच सोच घबराए।जन्म से लेकर मरण…

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