कर्म पर हिंदी में कविता
श्रृंगार छन्द में एक प्रयास सादर समीक्षार्थ कर्म पर हिंदी में कविता कर्म का सभी करेंआह्वान।कृष्ण का ये है गीता ज्ञान।कर्मबिन होतभाग्य से हीन।सृष्टि में होत वही है दीन।। कर्म जो करे सदा निष्काम।पाय वह शांति औरआराम।आत्म मेंही स्थित हो हरप्राण।ब्रह्म में पा लेता है त्राण।। सृष्टि में रहता जो आसक्त।भोग में लिप्त रहे हर … Read more