Tag: #वृन्दा पंचभाई

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर 0 वृन्दा पंचभाई के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

  • वृन्दा पंचभाई की हाइकु

    वृन्दा पंचभाई की हाइकु

    हाइकु

    वृन्दा पंचभाई की हाइकु

    छलक आते
    गम और खुशी में
    मोती से आँसू।

    लाख छिपाए
    कह देते है आँसू
    मन की बात।

    बहते आँसू
    धो ही देते मन के
    गिले शिकवे।

    जीवन भर
    साथ रहे चले
    मिल न पाए।

    नदी के तट
    संग संग चलते
    कभी न मिले।

    जीवन धुन
    लगे बड़ी निराली
    तुम लो सुन।

    जीवन गीत
    अपनी धुन में है
    मानव गाता।

    सुख दुःख के
    पल जीवन भर
    संग चलते।

    धुन मुझको
    एक तुम सुनाना
    खुद को भूलूँ।

    बसंत पर हाइकु

    धरती धरे
    वासन्ती परिधान
    रूप निखरे। 1

    ओस चमके
    मोती सी तृण कोर
    शीतल भोर।2

    वसन्त आया
    सुमन सुरभित
    रंग-बिरंगे।3

    गीत सुनाए
    मतवाली कोयल
    मन लुभाती। 4

    करे स्वागत
    खिले चमन जब
    बसन्त आता।5

    वृन्दा पंचभाई