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विश्व परिवार दिवस पर कविता -अमिता गुप्ता

संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने 1994 को अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष घोषित किया था। समूचे संसार में लोगों के बीच परिवार की अहमियत बताने के लिए हर साल 15 मई को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया जाने लगा है। 1995 से यह सिलसिला जारी है। परिवार की महत्ता समझाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

परिवार

विश्व परिवार दिवस पर कविता -अमिता गुप्ता


15 मई को हम सब विश्व परिवार दिवस मनाते हैं,
क्या है महत्ता इस परिवार की यह हम आपको बतलाते हैं,
परिवार है एकता के सूत्र की माला,जिसमें हर सदस्य समाया है,
जीवन की नैया को रंग बिरंगे रंगों से सजाया है,
परिवार है हमारा रक्षा कवच,
जिसने ढाल की तरह हमारा अस्तित्व बचाया है,
जहां मिलता है दादी मां का प्यार,
बाबाजी का दुलार,सब माननीयों का आशीर्वाद,
इन सबकी दुआओं से घर रहता सदा आबाद।

आज इस आधुनिकीकरण के दौर में,
परिवार संयुक्त से एकल हो रहे,
नैतिक मूल्यों के ज्ञान को,
सब रफ्ता -रफ्ता खो रहे,
कहीं द्वेष बढा़,कहीं दंभ बढा़,
रिश्तो में निहित प्यार मिट गया,
घर में ना जाने कब फूट पड़ी,
भाई -भाई में रोष बढा़,
मां-बाप की अवहेलना शुरू हुई,
यह परिवार संकीर्णता में सिमट गया।


संकीर्ण मानसिकता से,
सब जन बाहर निकले,
कदम से कदम मिलाकर,
देश की नींव सुदृढ़ करें,
संयुक्तता की डोर से परिवारों में,
प्यार और सौहार्द का दीप जले,
अमिता आह्वान कर रही,
सब मिल परिवार दिवस की सार्थकता चरितार्थ करें,
अपनी चंद पंक्तियों से हम यही बताते हैं,
15 मई को हम सब विश्व परिवार दिवस मनाते हैं।।


—-✍️अमिता गुप्ता

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