योग दिवस पर रचना

योग दिवस पर रचना

योग करते जो यहां पर,मस्त अनुभव भाय।
देह चंगा हो सदा ही,खूब जीवन पाय।।

जान लो आसन सभी को,फायदा कुछ होय।
है सरल व्यायाम करना,लाभ लेवत कोय।।

जान ले अनुलोम योगा,गोमुखासन जोर।
विश्व में फैले बहुत ही,देख हर पल शोर।।

पेट चर्बी कम करे हम,योग से यह काम।
ज्ञान प्राणायाम रख ले,ध्यान में रख नाम।।

(विधा-शोभन छंद)

राजकिशोर धिरही

तिलई,जांजगीर छत्तीसगढ़

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