मातृभाषा बनाम माध्यम में शिक्षा का असली उद्देश्य क्या है? क्या अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना ही शिक्षा का मापदंड है? और इसके क्या समाधान हो सकते हैं ? इस पर प्रकाश डालने की कोशिश की गई है ।
आज भारत में शिक्षा का अर्थ, माध्यम पर भारी होता जा रहा है। शहरों में दूर और खर्चीले अंग्रेज़ी माध्यम के निजी स्कूलों को श्रेष्ठ मान लिया गया है, जबकि पास में मौजूद निशुल्क हिन्दी शासकीय स्कूलों की ओर बहुत कम लोग देखना चाहते हैं।
हकीकत तो यह है कि अंग्रेजी एक भाषा मात्र है, और भाषा सीखने के लिए सिर्फ एक पुस्तक भी काफ़ी हो सकती है। इसके लिए पढ़ाई का माध्यम बदलना, अपनी जड़ों से कटना, या मातृभाषा में कमजोर हो जाना आवश्यक नहीं है। क्या यह उचित है कि देश में “मछली जल की रानी है” छोटी कविता से ‘धर्म का मूल दया’ को छोड़कर “जॉनी जॉनी यस पापा…..टेलिंग अ लाइ …ओपन योर माउथ..हा हा हा ” से ‘झूठ बोलने को हँसी में उड़ा देने की भाव ‘ जैसी पंक्तियाँ बचपन में रटवाई जा रही हैं।
जीवन में संवाद वहीं उपयोगी होता है जहाँ हम रहते हैं, जहाँ से हम जुड़े हैं। याद रहें हमारे मोहल्ले की दुकान पर “उन्हत्तर” कहीं ज़्यादा काम आएगा बनिस्बत “सिक्सटी नाइन” के।
भारत में अंग्रेजी दूसरी भाषा है, प्रथम नहीं। लेकिन जब प्राथमिक कक्षा से ही बच्चों पर अंग्रेजी माध्यम थोपा जाता है, तो वे न तो अंग्रेजी में पूरी तरह पारंगत हो पाते हैं, न ही हिन्दी या अन्य भारतीय भाषाओं में। परिणामस्वरूप, वे उस गहराई तक नहीं पहुँच पाते जो मातृभाषा में पढ़ने पर संभव है।
कभी-कभी लगता है, जानबूझकर अंग्रेजी माध्यम को प्रचारित कर एक ऐसा वातावरण तैयार किया जा रहा है जहाँ बच्चों की क्षमता को उनके भाषा ज्ञान के आधार पर आँका जाए, न कि उनके विचारों, सोचने की शक्ति या नैतिकता के आधार पर। इससे वे अपनी योग्यता से कम आँके जाते हैं।
शिक्षा का उद्देश्य भाषा का ज्ञान नहीं, जीवन का बोध है। और वह बोध तभी आता है जब शिक्षा हमारी जड़ों, हमारे परिवेश और हमारी संस्कृति से जुड़ी हो।
समाधान?
पहली बात , प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में हो। दूसरी पर अहम् बात, अंग्रेजी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाए, माध्यम के रूप में नहीं। इस बात का ख्याल रखी जाये ।
ज्ञान का आकलन भाषा योग्यता को आधार मानकर ही नहीं, बल्कि किसी विषय पर उसकी समझ और विवेक को आधार मानकर किया जाए। आज हमें तय करना होगा कि —
हम अपने बच्चों को अच्छे इंसान बनाना चाहते हैं या केवल अंग्रेजी बोलने वाली मशीनें?