राणा की तलवार

राणा की तलवार पावन मेवाड़ भू पर जन्मेमहाराणा प्रताप  शूर वीरअकबर से  संघर्ष  कियाकई वर्षों तक बनकर धीर lदृढ़  प्रतिज्ञा  वीरता  मेंनाम तुम्हारा रहे  अमरघास की रोटी खाकर तुमनेशत्रु से किया संग्राम समर lतलवारों के वार से जिसकेअकबर थर थर थर्राता थाबुलंद हौसलों का सिपाहीमहाराणा वो कहलाता था lतलवार हवा में जब चलतीचहुँ ओर मचाती … Read more

इधर-उधर की मिट्टी

इधर-उधर की मिट्टी ऐ! हवाये मिट्टी जो तुमसाथ लाई होये यहाँ कीप्रतीत नहीं होतीतुम चाहती हो मिलानाउधर की मिट्टीइधर की मिट्टी मेंऔर इधर की मिट्टीउधर की मिट्टी मेंतभी तो लाती होले जाती होसीमा पार मिट्टीलेकिन कुछ ताकतें हैंइधर भीउधर भीजो नहीं चाहतीइधर-उधर की मिट्टीआपस में मिले। -विनोद सिल्‍ला©771/14, गीता कॉलोनीडांगरा रोड़, टोहानाजिला फतेहाबाद, हरियाणापिन कोड 125120संपर्क … Read more

नशे में चित

नशे में चित मेरा शहर है विख्यातनहरों की नगरी के नाम सेआज मैं घूमते-घूमतेपहुँचा नहर परपानी लड़खड़ाता-सातुतलाता-साहोश गवांकर बह रहा था बहते-बहतेपानी संग बह रहे थेप्‍लास्‍टिक के खालीडिस्‍पोजल गिलास-प्‍लेटचिप्स-कुरकरे के खाली पैकेटशराब व खारे कीप्‍लास्‍टिक की खाली बोतलेंजो फैंके गए हैंप्रयोग के बाद थोड़ा आगे बढा तोसजी थी महफिलेंथोड़े-थोड़े फांसले सेनहरों के दोनों ओर लेकिन … Read more

निशा गई दे करके ज्योति

निशा गई दे करके ज्योति निशा गई दे करके ज्योति,नये दिवस की नयी हलचल!उठ जा साथी नींद छोड़कर,बीत न जाये ये जगमग पल!!भोर-किरन की हवा है चलती,स्वस्थ रहे हाथ  और  पैर!!लाख रूपये की दवा एक हीसुबह शाम की मीठी सैर!!अधरों पर मुस्कान सजाकर!!नयन लक्ष्य पर हो अपना!!पंछी बन जा छू ले अम्बररात को देखा जो … Read more

हिन्दी बिन्दी भूल गये सब

हिन्दी बिन्दी भूल गये बड़े बड़े हैं छंद लिखैया,          सूनी किन्तु छंद चटसार|हिन्दी बिन्दी भूल गये सब,          हिन्दी हिन्दी चीख पुकार||है हैं का ही अन्तर भूले,      बिना गली खिचड़ी की दाल|तू तू में में मची हुई है,        नोंचत बैठ बाल की खाल||शीश पकड़ कर बैठ गये हैं,        सुर लय यति गति चिह्न विराम|एक पंक्ति सुरसा-सी … Read more