Day May 4, 2021

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न

प्रायश्चित- मनीभाई नवरत्न हम करते जाते हैं कामवही जो करते आये हैंया फिर वो ,जो अब हमारे शरीर के लिएहै जरूरी। इस दरमियानकभी जो चोट लगेया हो जाये गलतियां।तो पछतावा होता है मन मेंजागता है प्रायश्चित भाव। वैसे सब चाहते…

कभी सोचा न था- कविता – महदीप जंघेल

राज्य और देश में अभी कोरोना महामारी फैला हुआ है।
सब लोग परेशान है। कई लोगो की दुनिया उजड़ चुकी है।लोग अपनो को खो चुके है। अतः घर में रहे सुरक्षित रहे।
अपने आत्मविश्वास को मजबूत रखे। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे। हम सभी मिलकर कोरोना को जरूर हराएंगे।
जरूर हारेगा कोरोना।

प्रेरणा दायक कविता – बढ़े चलो

प्रेरणा दायक कविता – बढ़े चलो न हाथ एक शस्त्र हो, न साथ एक अस्त्र हो,न अन्न, नीर, वस्त्र हो, हटो नहीं डटो वहीं बढ़े चलो…. रहे समक्ष हिम-शिखर, तुम्हारा प्रण उठे निखर,भले ही जाए तन बिखर, रुको नहीं, झुको…