सुकमोती चौहान “रुचि” की 10 रचनाएँ
सुकमोती चौहान “रुचि” की 10 रचनाएँ एक अंकुरित पौधा एक अंकुरित आम , पड़ा था सड़क किनारे ।आते जाते लोग , सभी थे उसे निहारे ।।खोज रहा अस्तित्व , उठा ले कोई सज्जन ।दे दे जड़ को भूमि , लगा दे लेकर उपवन ।।करता वह चीत्कार है , जीना चाहूँ मैं सुनो ।मुझे सहारा दो तनिक … Read more