Month June 2022

स्कूल पर कविता

विषय – स्कूल पर कविता स्कूल का दहलीज पुकारता है बीत गए गर्मी की छुट्टी,अब तो तुम आजाओ, क्या-क्या किए हैं,इस छुट्टी में हमे भी बताओ। श्याम-पट्ट,स्कूल की वो घंटी तुम्हें निहारता है, प्यारे बच्चों तुम्हें,स्कूल का दहलीज पुकारता है।…

बेरोजगार पर दोहे – विनोद सिल्ला

बेरोजगार पर दोहे पढ़-पढ़ पोथी हो गए, सभी परीक्षा पास। रोजगार मिलता नहीं, टूटी जीवन आस।। उपाधियां तो मिल गई, नहीं मिला है काम।मिल तो जाती नौकरी, दे पाते गर दाम।। बेकारी सबसे बुरी, हर लेती है मान।सारा जीवन व्यर्थ…

भावनाओं को कुछ ऐसा उबाल दो- रामकिशोर मेहता

भावनाओं को कुछ ऐसा उबाल दो भावनाओं को कुछ ऐसा उबाल दो।जनता न सोचेसत्ता के बारे में,उसके गलियारे में,नित नयेसवाल कुछ उछाल दो। खड़ा कर दोनित नया उत्पात कोई।भूख और प्यास कीकर सके न बात कोई।शान्ति से क्यों सांस ले…

मौत की आदत – नरेंद्र कुमार कुलमित्र

मौत की आदत – नरेंद्र कुमार कुलमित्र सुबह-सुबह पड़ोस के एक नौजवान की मौत की खबर सुनाएक बार फिरअपनों की तमाम मौतें ताजा हो गई अपनी आंखों से जितनी मौतें देखी है मैंनेनिष्ठुर मौत पल भर में आती है चली…

अहिल्या (खण्डकाव्य)- सुकमोती चौहान रुचि

इंद्र के गलती की वजह ऋषि गौतम ने माता अहिल्या शाप देकर पत्थर बना दिया। कालांतर में प्रभु श्रीराम के चरणस्पर्श द्वारा वे पुन: स्त्री बनी।

हाँ मैं भारत हूँ -रामनाथ साहू”ननकी”

हाँ मैं भारत हूँ -रामनाथ साहू”ननकी” आधार — *थेथी छंद* ( मात्रिक ) आदि त्रिकल (14/10 ) , पदांत – 112 मृत्यु तथा जीवन का सुख ,सर्व सदाकत हूँ ।अरब वर्ष से शुभचिंतक , हाँ मैं भारत हूँ ।।सभी उपनिषद्…

कवि बन जाता है… – अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी”

कवि बन जाता है… कविता को भान कर, सच झूठ जान कर,रचना समझ कर , कवि बन जाता है… घटा और बादलों को,मेघ संग वादलों को,अंधेरे को चीर कर , कवि बन जाता है… छंद कई पढ़ता है, प्रेम गीत…

महारानी दुर्गावती बलिदान दिवस कविता

महारानी दुर्गावती बलिदान दिवस कविता महारानी दुर्गावती अबला नहीं,वो तो सबला थी।महारानी तो गोंड़वाना से निकली हुई ज्वाला थी।। चंदेलों की बेटी थी,गोंड़वाना की महारानी थी।चंडी थी,रनचंडी थी,वह दुर्गावती महारानी थी।। अकबर के विस्तारवादी साम्राज्य के चुनौती थी।गढ़ मंडला के…