भाई पर कुण्डलिया छंद
साहित रा सिँणगार १०० के सौजन्य से 17 जून 2022 शुक्रवार को पटल पर संपादक आ. मदनसिंह शेखावत जी के द्वारा विषय- भाई पर कुण्डलिया में रचना आमंत्रित किया गया. कुंडलियां विधान- एक दोहा + एक रोला छंददोहा -विषम चरण…
साहित रा सिँणगार १०० के सौजन्य से 17 जून 2022 शुक्रवार को पटल पर संपादक आ. मदनसिंह शेखावत जी के द्वारा विषय- भाई पर कुण्डलिया में रचना आमंत्रित किया गया. कुंडलियां विधान- एक दोहा + एक रोला छंददोहा -विषम चरण…
15 जून 2022 को साहित रा सिंणगार साहित्य ग्रुप के संरक्षक बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’ और संचालक व समीक्षक गोपाल सौम्य सरल द्वारा ” भोजन ” विषय पर दोहा छंद कविता आमंत्रित किया गया जिसमें से भोजन पर बेहतरीन दोहे चयनित…
यहाँ पर अनिल कुमार गुप्ता अंजुम की कवितायेँ दिए जा रहे हैं :- मैंने उसे – कविता मैंने उसेकिसी का सहारा बनते देखामुझे अच्छा लगा शायद आपको भी ………. मैंने उसे किसी की भूखमिटाते देखामुझे अच्छा लगा शायद आपको भी…
13 जून 2022 को साहित रा सिंणगार साहित्य ग्रुप के संरक्षक बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’ और संचालक व समीक्षक गोपाल सौम्य सरल द्वारा ” रोटी” विषय पर चौपाई छंद कविता आमंत्रित किया गया जिसमें से रोटी पर 5 बेहतरीन कविताएं चयनित…
हाकलि/मानव छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 14 मात्रा होती हैं , तीन चौकल के बाद एक द्विकल होता है (4+4+4+2) l यदि तीन चौकल अनिवार्य न हों तो यही छंद ‘मानव’ कहलाता है l उदाहरण –…
मापनीमुक्त मात्रिक छंद विशेषताएं : (क) इन छंदों की लय को किसी मापनी में बाँधना संभव नहीं है l इन छंदों की लय को निर्धारित करने के लिए कलों ( द्विकल 2 मात्रा, त्रिकल 3 मात्रा, चौकल 4 मात्रा) का…
चौपई या जयकरी छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रयेक चरण में 15 मात्रा होती हैं, अंत में 21 या गाल अनिवार्य होता है, कुल चार चरण होते हैं, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l उदाहरण :भोंपू लगा-लगा धनवान,फोड़…
शब्दों की महत्ता पर कविता चुभते हैं कुछ शब्द,चूमते हैं कुछ शब्द /शब्दकोश से निकलकर,भावनाओं की गली से-गुजरते हैं,और पाते हैं अर्थ,कहीं अनमोल,कहीं व्यर्थ ।संगति का प्रभावतो पड़ता ही है।कितने जीवंत रहे होंगे !शब्द जब भाव ने-दिया होगा जन्म ।पर…
चौपाई छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्रा होती हैं , अंत में 21 या गाल वर्जित होता है , कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l उदाहरण :बिनु पग…
श्रृंगार छंद (उपजाति सहित) [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्रा होती हैं, आदि में क्रमागत त्रिकल-द्विकल (3+2) और अंत में क्रमागत द्विकल-त्रिकल (2+3) आते हैं, कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते…