Month October 2023

रमजान प्रेम-मुहब्बत का महीना

मुस्लिम भाइयों का रमजान पवित्र मास है। इन दिनों वे एक महीने का रोजा अर्थात् उपवास रखते हैं। फरिश्ता जिब्रील के द्वारा भगवान ने जो संदेश तेईस वर्षों में पैगम्बर मोहम्मद साहब के पास भेजा था, वही पैगाम उन्होंने जगत्…

किसान दिवस पर कविता (23 दिसम्बर)

तुझे कुछ और भी दूँ ! रामअवतार त्यागी तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित चाहता हूँ, देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ! माँ! तुम्हारा ऋण बहुत है, मैं अकिंचन किंतु इतना कर रहा फिर भी निवेदन,…

atal bihari bajpei

कारगिल विजय दिवस पर कविता (16 दिसम्बर)

आज सिंधु में ज्वार उठा है आज सिंधु में ज्वार उठा है, नगपति फिर ललकार उठा है, कुरुक्षेत्र के कण-कण से फिर, पांचजन्य हुंकार उठा है। शत-शत आघातों को सहकर, जीवित हिंदुस्तान हमारा, जग के मस्तक पर रोली-सा, शोभित हिंदुस्तान…

राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता (19 नवम्बर)

हम सब भारतवासी हैं निरंकारदेव ‘सेवक’ हम पंजाबी, हम गुजराती, बंगाली, मदरासी हैं, लेकिन हम इन सबसे पहले केवल भारतवासी हैं। हम सब भारतवासी है ! हमें प्यार आपस में करना, पुरखों ने सिखलाया है, हमें देश-हित, जीना मरना पुरखों…

जवाहरलाल नेहरू

बाल-दिवस पर कविता

बाल-दिवस पर कविता आ गया बच्चों का त्योहार/ विनोदचंद्र पांडेय ‘विनोद’ सभी में छाई नयी उमंग, खुशी की उठने लगी तरंग, हो रहे हम आनन्द-विभोर, समाया मन में हर्ष अपार ! आ गया बच्चों का त्योहार ! करें चाचा नेहरू…

गरीबी उन्मूलन दिवस पर कविता (17 अक्टूबर)

गरीबी उन्मूलन दिवस पर कविता गरीबी से संग्राम आचार्य मायाराम ‘पतंग’ चलो साथियों! हम सेवा के काम करें। आज गरीबी से जमकर संग्राम करें। यह न समझना हमें गरीबी थोड़ी दूर हटानी है। अपने आँगन से बुहारकर नहीं पराए लानी…

cycle

चालान- धनेश्वर पटेल

चालान एक दिन निकले हम सैर परतो हेलमेट लगाना भूल गएहुआ हादसा कुछ ऐसा किफटफटिया चलाना भूल गए!स्पीड बढ़ी कांटा लटका दूसरी छोरहम समझ थे अपने बाप की रोड़बुलेट घुमाई और मुड़े घर की ओरट्रैफिक पुलिस खड़ी थी दूसरी ओरउनकी…

मुस्कुराकर चल मुसाफिर / गोपालदास “नीरज”

मुस्कुराकर चल मुसाफिर / गोपालदास “नीरज” पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर! वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें?हौसला वह क्या जिसे कुछ मुश्किलें पीछे हटा दें?वह प्रगति भी क्या जिसे कुछ रंगिनी कलियाँ…