शांति की पुकार (परमाणु परीक्षण के खिलाफ दिवस)

परमाणु परीक्षण के खिलाफ दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो परमाणु हथियारों के परीक्षण और उनके खतरों के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस अवसर पर एक कविता प्रस्तुत है जो शांति, सुरक्षा और परमाणु परीक्षण के खिलाफ संघर्ष को दर्शाती है:

शांति की पुकार (परमाणु परीक्षण के खिलाफ दिवस)

शांति की पुकार

जब धरती पर घेरते हैं अंधकार,
परमाणु परीक्षण का हो रहा प्रहार,
हर बम की धड़कन, हर विस्फोट,
शांति का स्वप्न, हर दिल को चोट।

आओ मिलकर करें हम आह्वान,
परमाणु युद्ध से दूर, शांति का ध्यान,
हर इंसान का हक है जीने का,
प्रकृति की गोद में सुख से रहने का।

विस्फोटों की गूंज, नफरत की भाषा,
हजारों मासूमों की छीन ली आशा,
बचाओ धरती को इस विनाशकारी बम से,
हर जीवन को सुरक्षित रखो इस धरा पर।

अनेक राष्ट्र मिलकर संकल्प लें,
परमाणु परीक्षण का अंत करें,
शांति के मार्ग पर हम चलें,
हर दिल में प्रेम और भाईचारा पलें।

सभी देशों की सुरक्षा का वादा,
नफरत की जगह हो शांति का लावा,
कृषि, विज्ञान और मानवता के संग,
न हो विध्वंस, हो जीवन का रंग।

आओ उठाएं हम ये आवाज,
परमाणु परीक्षण की समाप्ति का संकल्प लें,
धरती पर शांति का दीप जलाएं,
हर जीव की सुरक्षा का संकल्प सजाएं।

समाज में हर हाथ मिलाएं,
सभी को सुरक्षित और खुशहाल बनाएं,
परमाणु परीक्षण के खिलाफ हम खड़े,
शांति की ओर बढ़ाएं, प्रेम की राह पर बढ़े।


यह कविता परमाणु परीक्षण के खिलाफ जागरूकता और शांति की आवश्यकता पर जोर देती है। यह हमें प्रेरित करती है कि हम मिलकर एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण दुनिया की ओर बढ़ें, जहां मानवता और जीवन की रक्षा की जा सके।