आ सनम आ मेरे दिल में तू आ

आ सनम आ मेरे दिल में तू आ

प्रेम
मनीभाई नवरत्न

आ सनम आ ,मेरे दिल में तू आ।
आ सनम आ मेरे दिल को चुराके जा ।

जाने जा मैंने तुम्हें प्यार किया ।
रात दिन तुझे याद किया ।
अब तो मुझसे रूठ के ना जा जा ।।

फूलों से खुशबू आ रही ।
भंवरे झुमके यह गा रही ।
मैंने तुम्हें चाहा हां हां हां ।।

मेरे दिल में तू ,तू है धड़कन में ।
मेरे सांसो में तू, तू ही यादों में।
तू ही तू चारों तरफ जाना आ आ।।

मनीभाई”नवरत्न

मनीभाई नवरत्न

यह काव्य रचना छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बसना ब्लाक क्षेत्र के मनीभाई नवरत्न द्वारा रचित है। अभी आप कई ब्लॉग पर लेखन कर रहे हैं। आप कविता बहार के संस्थापक और संचालक भी है । अभी आप कविता बहार पब्लिकेशन में संपादन और पृष्ठीय साजसज्जा का दायित्व भी निभा रहे हैं । हाइकु मञ्जूषा, हाइकु की सुगंध ,छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन , चारू चिन्मय चोका आदि पुस्तकों में रचना प्रकाशित हो चुकी हैं।

Leave a Reply