बातें पिता पद की- बाबूलाल शर्मा
बातें पिता पद की- बाबूलाल शर्मा सजीवन प्राण देता है,सहारा गेह का होते।कहें कैसे विधाता है,पिताजी कम नहीं होते। मिले बल ताप ऊर्जा भी,सृजन पोषण सभी करता।नहीं बातें दिवाकर की,पिता भी कम नही तपता। मिले चहुँओर से रक्षा,करे हिम ताप से छाया।नहीं आकाश की बातें,पिताजी में यहीं माया। करे अपनी सदा रक्षा,वही तो शत्रु के … Read more