धर्म पर कविता- रेखराम साहू

धर्म पर कविता- रेखराम साहू धर्म जीवन का सहज आधार मानो,धारता है यह सकल संसार मानो। लक्ष्य जीवन का रहे शिव सत्य सुंदर,धर्म का इस सूत्र को ही सार मानो। देह,मन,का आत्म से संबंध सम्यक्,धर्म को उनका उचित व्यवहार मानो। दंभ मत हो,दीन के उपकार में भी,दें अगर सम्मान तो आभार मानो। भूख का भगवान … Read more

मणिकर्णिका-झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर कविता

मणिकर्णिका-झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर कविता अंग्रेजों को याद दिला दी, जिसने उनकी नानी।मर्दानी, हिंदुस्तानी थी, वो झांसी की रानी।। अट्ठारह सौ अट्ठाइस में, उन्नीस नवंबर दिन था।वाराणसी हुई वारे न्यारे, हर सपना मुमकिन था।।नन्हीं कोंपल आज खिली थी, लिखने नई कहानी… “मोरोपंत” घर बेटी जन्मी, मात “भगीरथी बाई”।“मणिकर्णिका” नामकरण, “मनु” लाड कहलाई।।घुड़सवारी, रणक्रीडा, कौशल, … Read more

जीवन एक संगीत है-आभा सिंह

जीवन एक संगीत है-आभा सिंह जीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए लाखों उलझनें हो मगर हँसकर सुलझाइए कमल कीचड़ में भी रहकर अपनी सुन्दरता ना खोतागुलाब काँटों में भी रहकर मुस्कुराना ना भूलतादामन से काँटे चुन-चुनकर जीवन को सफल बनाइएजीवन एक संगीत है इसको गुनगुनाइए !! अंगारों से भरी राहों से गुज़रकर उँचाइयों पर पहुंचिएअंधेरों … Read more

मुखौटा पर कविता

मुखौटा पर कविता हां!मैं मुखौटा।मेरी ओट मेंमुंह जो होता।अंदर से रोकरबाहर हंसाता भी हूं।कभी कभीहोली के हुड़दंग में,बच्चों कोडराता भी हूं।मैंछुपा लेता हूं।मुखड़े की मक्कारियां।आंखों की होश्यारियां।और दिल की उद्गारियां।।दो मुंहे सांपों काएक चेहरामेरा ही तो है।मैं हीसामने वालीनजरों के लिएधोखा हूं।और खुद सामने वाले की नज़रो सेबचने का मौका हूं।हां..हां मैं ही मुखौटा हूं।। … Read more

संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें

संगीत और जीवन आपस में हैं जुड़ें कभी सुनो धड़कन की आवाज।कभी सांसों में ,वो बजता साजजीवन संगीत की मधुर आवाज। कभी अधरों पर आई हंसी हो।कभी बोली मैं आई मिठास हो।सब जीवन संगीत का मधुर राग। कभी शिशु की मधुर किलकारियों में।कभी आंखों से बहते अश्कों धारों में।जीवन संगीत के सारे स्वर मिल जाते।सभी … Read more