धर्म पर कविता- रेखराम साहू
धर्म पर कविता- रेखराम साहू धर्म जीवन का सहज आधार मानो,धारता है यह सकल संसार मानो। लक्ष्य जीवन का रहे शिव सत्य सुंदर,धर्म का इस सूत्र को ही सार मानो। देह,मन,का आत्म से संबंध सम्यक्,धर्म को उनका उचित व्यवहार मानो। दंभ मत हो,दीन के उपकार में भी,दें अगर सम्मान तो आभार मानो। भूख का भगवान … Read more