कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

शबरी के बेर(चौपाई छंद)

शबरी के बेर(चौपाई छंद) त्रेता युग की कहूँ कहानी।बात पुरानी नहीं अजानी।।शबरी थी इक भील कुमारी।शुद्ध हृदय मति शील अचारी।।१ बड़ी भई तब पितु की सोचा।ब्याह बरात रीति अति पोचा।।मारहिं जीव जन्तु बलि देंही।सबरी जिन प्रति प्रीत सनेही।।२ गई भाग…

मात पिता पूजन दिवस दोहे

मात पिता पूजन दिवस दोहे सीमा पर रक्षा करे, अपने वीर जवान।मरते मान शहीद से, जीते उज्ज्वल शान।। प्रेम दिवस पर है विनय , सुनिये सभी सुजान।मात पिता को नेह दें, मन विश्वासी मान।। न्यौछावर हैं देश पर , मातृभूमि…

पिता सदा आदर्श हैं (पिता पर दोहे)

पिता सदा आदर्श हैं (पिता पर दोहे) ख्याल रखें संतान का, तजकर निज अरमान।खुशियाँ देते हैं पिता, रखतें शिशु का ध्यान। ।१ मुखिया बन परिवार का , करतें नेह समान ।पालन पोषण कर पिता , बनते हैं भगवान ।।२ जिसकी…

शरणार्थियों का सम्मान

शरणार्थियों का सम्मान होकर मजबूर वो घर- द्वार छोड़ गए, पुराने सुरमई यादों से अपना मुँह मोड़ गए। दहशतगर्दों के साजिश से होकर नाकाम, फिरते इधर- उधर लोग यूं ही करते इनको बदनाम। उम्मीद भरी नैनो से जो देखा सपना,…

गंगा दशहरा (20 जून) पर गीत

गंगा दशहरा (20 जून) पर गीत गोद में तुम सदा ही खिलाती रहो, प्यार से आज तुम ही दुलारो हमेंगंगा मइया यहाँ अब तारो हमें, कष्ट सारे मिटाकर उबारो हमें। मौत के बाद भी तो रहे वास्ता, तुम दिखाओ हमें…