कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

हिंदी संग्रह कविता-सुख-शांतिमय संसार हो

सुख-शांतिमय संसार हो सुख-शांतिमय संसार हो। पशु-शक्ति का न प्रयोग हो, सद्भाव का उपयोग हो, सबसे सदा सहयोग हो, निज चित्त पर निज वित्त पर सबका सदा अधिकार हो,सुख-शांतिमय संसार हो। व्यक्तित्व का सम्मान हो,निज देश का अभिमान हो,पर विश्व-हित…

हम उजाला जगमगाना चाहते हैं -केदारनाथ अग्रवाल

struggle

हम उजाला जगमगाना चाहते हैं -केदारनाथ अग्रवाल हम उजाला जगमगाना चाहते हैंअब अँधेरे को हटाना चाहते हैं। हम मरे दिल को जिलाना चाहते हैं,हम गिरे सिर को उठाना चाहते हैं। बेसुरा स्वर हम मिटाना चाहते हैं।ताल-तुक पर गान गाना चाहते…

सपनों को साकार करें -प्रेमशंकर रघुवंशी

सपनों को साकार करें -प्रेमशंकर रघुवंशी आओ, हम सब भारत मां की माटी से श्रृंगार करें! यह वह धरती, जिसने हमको निज उत्सर्ग सिखाया है,यह वह धरती, जिसने हमको अपना अमिय पिलाया है।आज उसी धरती की रक्षा में अपने उद्गार…

गाँव की महिमा पर अशोक शर्मा जी की कविता

village based Poem

गाँव की महिमा पर अशोक शर्मा जी की कविता गांव और शहर लोग भागे शहर-शहर , हम भागे देहात,हमको लागत है गाँवों में, खुशियों की सौगात। उहाँ अट्टालिकाएं आकाश छूती, यहाँ झोपड़ी की ठंडी छाँव।रात रात भर चलता शहर जब,चैन…

प्रताप का राज्यारोहण-बाबूलाल शर्मा

प्रताप का राज्यारोहण-बाबूलाल शर्मा मापनी- २२१ २२२, १२२ १२२ २२ वाचिक. *प्रताप का राज्यारोहण*. १सामंत दरबारी, कहे यह कुँवर खल मति मद।रक्षण उदयपुर हित, सँभालो तुम्ही राणा पद।सौगंध बप्पा की, निभे जब मुगल हो बाहर।मेवाड़ का जन जन, पुकारे सजग…