पृथ्वीराज चौहान पर दोहे – बाबू लाल शर्मा

पृथ्वीराज चौहान पर दोहे (दोहा छंद) अजयमेरु गढ़ बींठली, साँभर पति चौहान।सोमेश्वर के अंश से, जन्मा पूत महान।। ग्यारह सौ उनचास मे, जन्मा शिशु शुभकाम।कर्पूरी के गर्भ से, राय पिथौरा नाम।। अल्प आयु में बन गए, अजयमेरु महाराज।माँ के संगत कर रहे, सभी राज के काज।। तब दिल्ली सम्राट थे, नाना पाल अनंग।राज पाट सब … Read more

मतदान विषय पर दोहे- बाबू लाल शर्मा

मतदान विषय पर दोहे- बाबू लाल शर्मा सोच समझ मतदान (दोहा-छंद)1.मत अयोग्य को दें नहीं, चाहे हो वह खास।वोट देय हम योग्य को, सब जन करते आस।। 2.समझे क्यों जागीर वे, जनमत के मत भूल।उनको मत देना नहीं, जिनके नहीं उसूल।। 3.एक वोट शमशीर है, करे जीत या हार।इसीलिए मतदान कर, एक वोट सरकार।। 4.मतदाता … Read more

शुभकामना विषय पर दोहा -बाबू लाल शर्मा

शुभकामना विषय पर दोहा -बाबू लाल शर्मा करूँ सदा शुभ कामना, उन्नत होवे देश।भूमण्डल सरनाम हो, उज्ज्वल हो परिवेश।। देश वासियों के लिये, नये साल संदेश।जनता को शुभकामना, खुशियाँ सभी प्रदेश।। सामाजिक परिवेश में, मानव मान समाज।सबके हित शुभकामना, नये साल की आज।। नारी को शुभकामना, मैं देता करजोर।शक्ति देश की ये बने, बढ़े उन्नति … Read more

मकर से ऋतुराज बसंत (दोहा छंद)-बाबू लाल शर्मा

मकर से ऋतुराज बसंत (दोहा छंद)-बाबू लाल शर्मा सूरज जाए मकर में, तिल तिल बढ़ती धूप।फसले सधवा नारि का, बढ़ता रूप स्वरूप।।.पशुधन कीट पतंग भी, नवजीवन मम देश।वन्य जीव पौधे सभी, कली खिले परिवेश।।.तितली भँवरे मोर पिक, करते हैं मनुहार।ऋतु बसंत के आगमन, स्वागत करते द्वार।।.मानस बदले वसन ज्यों, द्रुम दल बदले पात।ऋतु राजा जल्दी … Read more

वट सावित्री पूजा पर दोहे -बाबू लाल शर्मा

वट सावित्री पूजा पर दोहे -बाबू लाल शर्मा वट सावित्री पूज कर, जो रखती उपवास।धन्य धन्य है भारती, प्राकत नारी आस।। ढूँढे पूजन के लिए, बरगद दुर्लभ पेड़।पथ भी दुर्गम हो रहे, हुई कँटीली मेड़।। पेड़ सभी है काम के, रखना इनका ध्यान।दीर्घ आयु होता सखे, वट का पेड़ महान।। पुत्र सरीखे पालिए, सादर तात … Read more