संगीत और जीवन -बिसेन कुमार यादव’बिसु

आना है, और चलें जाना है!
जीवन का रीत पुराना है!!

जीवन का नहीं ठिकाना है!
जन्म लिया तो मर जाना है!!

गाना है और बजना है!
जीवन एक तराना है!!

संगीत को मीत बनाओ!
शब्दों को गीत बनाओ!!

सा,रे,गा,मा,पा,धा नि,से,
जीवन में राग बना!

और दो दिलों के मेल से
अमर प्रेम अनुराग बना!!

संगीत के सात स्वरों से,

मधुर-मधुर सरगम बना!

कजरी,सुआ, झुला, हिन्डोला,
आल्हा जैसे गीत बना!!

स्वारों के साथ-साथ ताल से ताल मिलाओ!
पैरों को थिरकाओ, हाथों को घुमाओ!!

झुमो नाचों गाओ कमर तो मटकाओ!
मधुर संगीत बज रहीं,थोड़ा गुनगुनाओ!!

दुःख ,दर्द,पीड़ा सब भूल जाए!
संगीत के मधुर रस में घुल जाए!!

खुशी गम प्यार ,नफरत में संगीत!
जीवन के हर पहलुओं में संगीत!!

उत्सव,मेले, नृत्यों में छटा बिखेरे संगीत!
खिलखिलाती मुस्कान हर चेहरे में संगीत!!

कभी ढोल नगाड़ा बजते है!
अरमानों के सपने सजते है!!

पुजा, अर्चना छठ्ठी शादी और त्यौहारों में!
हवाओं में फिजाओं में सावन के बहारों में!!

जीवन में रीति-रिवाज शैली ढंग है!
संगीत के बीना यह दुनिया बेरंग है!!

झर-झर करते झरनों में संगीत!
बादलों के गर्जनो में संगीत!!

नब्जो में बहती रक्त के स्पंदन में संगीत!
धक-धक करते धड़कन में संगीत!!

मधुर स्वर बहती बांसुरी और सितारों में!
सहनाई,तंबुरा,तानपुरा वाद्य के झनकारों में!!

पर्वत गाते,धरती गाती फसलें गाती!
कल-कल बहती करती नदियां गाती!!

वर्षा के गिरते बूंदों पर संगीत!
हर दिलों में जिन्दा है संगीत!!

जीव के जन्म में जीवन के मरण में संगीत!
मंगलगीत, उत्सव और नामकरण में संगीत!!
चाहे न लो या लो प्रभु का नाम!
संगीत के बीना नहीं कुछ काम!!

बिसेन कुमार यादव’बिसु’
ग्राम-दोन्देकला,थाना-विधानसभा
जिला रायपुर छत्तीसगढ़

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

This Post Has 0 Comments

  1. Govind Kushwaha

    अतिउत्तम

  2. Bise kumar

    Thank you

  3. Satish sahu

    अच्छी कविता लिखी सर

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