बुरा वक्त भी गुजर जाएगा,विधा – कविता
धीरज रखो,आस रखो,
और प्रभु में विश्वास रखो।
समय का खेल है,
एक सा नही होता,
सब सुधर जायेगा,
ये बुरा वक्त भी,
एक दिन गुजर जाएगा।
किसी के लिए अच्छा,तो
किसी के लिए बुरा है।
किसी का दर्द आधा,
तो किसी का पूरा है।
सिकंदर महान नही होता,
वक्त महान होता है।
देखना ये काला दिन भी,
पता नही किधर जाएगा।
ये बुरा वक्त भी,
एक दिन गुजर जाएगा।
वायरस का काल है,
मन में भय का भूचाल है।
जिंदगी बचाने की,
माहौल हाहाकार है।
अपनो को खो रहे,
गम का बोझ ढो रहे।
निश्चित ही शांति का,
माहौल जरूर आएगा।
ये बुरा वक्त भी,
एक दिन गुजर जाएगा।
वक्त रास्ता दिखला जायेगी,
जीवन जीना सिखला जायेगी।
वक्त के आगे न टिक सका,
न टिकेगा कोई इंसान।
वक्त के आगे इंसान शैतान क्या,
झुक जाते है भगवान।
धैर्य रखो आस रखो,
और प्रभु में विश्वास रखो।
दुःख का बादल भी ,
न जाने किधर जाएगा।
ये भय दुःख का वातावरण,
जल्दी सुधर जाएगा।
ये बुरा वक्त भी,
एक दिन गुजर जाएगा।
📝 महदीप जंघेल
खमतराई, खैरागढ़