हिमालय कर रहा हुंकार है – अनिल कुमार गुप्ता ” अंजुम “

इस कविता में कवि ने प्राकृतिक आपदाओं के माध्यम से मानव को जागृत करने की एक कोशिश की है |
हिमालय कर रहा हुंकार है – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता ” अंजुम “

सस्ते क्यों इतने कफ़न हो गए – अनिल कुमार गुप्ता ” अंजुम “

इस कविता में आज के वर्तमान सामाजिक परिदृश्य को चरितार्थ करने की एक कोशिश की गयी है |
सस्ते क्यों इतने कफ़न हो गए – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता ” अंजुम “

प्रेरणा दायक कविता – हिम्मत कभी न हारो

प्रेरणा दायक कविता – हिम्मत कभी न हारो तुम मनुष्य हो, शक्ति तुम्हारे जीवन का संबल है।और तुम्हारा अतुलित साहस गिरि की भाँति अचल है।तो साथी केवल पल भर को माया मोह बिसारो। हिम्मत… मत देखो कितनी दूरी है, कितना लम्बा मग है।और न सोचो साथ तुम्हारे, आज कहाँ तक जग है।लक्ष्य-प्राप्ति की बलिदेवी पर, … Read more

कभी सोचा न था- कविता – महदीप जंघेल

राज्य और देश में अभी कोरोना महामारी फैला हुआ है।
सब लोग परेशान है। कई लोगो की दुनिया उजड़ चुकी है।लोग अपनो को खो चुके है। अतः घर में रहे सुरक्षित रहे।
अपने आत्मविश्वास को मजबूत रखे। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखे। हम सभी मिलकर कोरोना को जरूर हराएंगे।
जरूर हारेगा कोरोना।

प्रेरणा दायक कविता – बढ़े चलो

प्रेरणा दायक कविता – बढ़े चलो न हाथ एक शस्त्र हो, न साथ एक अस्त्र हो,न अन्न, नीर, वस्त्र हो, हटो नहीं डटो वहीं बढ़े चलो…. रहे समक्ष हिम-शिखर, तुम्हारा प्रण उठे निखर,भले ही जाए तन बिखर, रुको नहीं, झुको नहीं बढ़े चलो.. घटा गिरी अटूट हो, अधर में कालकूट हो,वही अमृत का घूट हो, … Read more