आलसी पर कविता
आलसी पर कविता मेरे अकेले में भी कोई आसपास होता है।तुम नहीं हो पर तुम्हारा आभास होता है।1। बिखर ही जाता है चाहे कितना भी संवारोबस खेलते रहो जीवन एक ताश होता है।2। जरूरतमंद तो आ ही जाते हैं बिना बुलाएआपकी जरूरत में आए वही ख़ास…
आलसी पर कविता मेरे अकेले में भी कोई आसपास होता है।तुम नहीं हो पर तुम्हारा आभास होता है।1। बिखर ही जाता है चाहे कितना भी संवारोबस खेलते रहो जीवन एक ताश होता है।2। जरूरतमंद तो आ ही जाते हैं बिना बुलाएआपकी जरूरत में आए वही ख़ास…
बचपन के खिलौनों के बदलते ढंग कविता जयतु, जय जवान, जय किसान हो,जयतु मातृ-भू, जय भारत महान हो। माटी की खुशबू ले चलो वहाँ-वहाँ,अपने देश के पहरेदार जहाँ-जहाँ। वतन में अंधेरा छाया है अब कहाँ ?रोशन करके गया वह सरहद…
कर्म पर दोहे -डॉ एन के सेठी भाग्य कर्म के बीच में , भाग्य बड़ा या कर्म।कर्म बनाता भाग्य को,यही मनुज का धर्म।। कर्म करे तो फल मिले,कर्म न निष्फल होय।कर्महीन जो ना करे ,जीवन का फल खोय।। कर्मगति है…
भोर गीत ये सुबह की सुहानी हवाये प्रभात का परचम।प्रकृति देती है ये पलरोज रोज हरदम।। आहट रवि किरणों कीसजा भोर का गुलशन।कर हवाओं संग सैरभर ले अपना दामन।। उठ साधक जाग अभीदिन मिले थे चार।बीते न ये कीमती पलखो…
खुदा से फरियाद पर कविता या खुदा मुझे ऎसी इनायत तो दे,मोहब्बत के बदले मोहब्बत तो दे। खटक रहे है हम जिनकी निगाहों में,आजमाइश के बदले आजमाइश तो दे।न मुकर अपनी ही जुबां से ,ईमान के बदले ईमान तो दे।…