खुदा से फरियाद पर कविता
या खुदा मुझे ऎसी इनायत तो दे,
मोहब्बत के बदले मोहब्बत तो दे।
खटक रहे है हम जिनकी निगाहों में,
आजमाइश के बदले आजमाइश तो दे।
न मुकर अपनी ही जुबां से ,
ईमान के बदले ईमान तो दे।
बजा कर अपनी ढ़फली अपना राग,
तरन्नुम के बदले तरन्नुम तो दे।
हमने जफा न सीखी तुमने वफा न निभाई,
इनायत के बदले इनायत तो दे।
कभी न ख़तम होगा इश्क का दरिया
इजाजत के बदले इजाजत तो दे।
या खुदा मुझे ऎसी इनायत तो दे,
मोहब्बत के बदले मोहब्बत तो दे।