कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

प्रभु ने ऐसी दुनिया बनाई है-माधवी गणवीर

प्रभु ने ऐसी दुनिया बनाई है- प्रभु ने ऐसी दुनिया बनाई  है,कही धूप तो कही गम की परछाई है। रात का राजा देता है पहरा,चांदनी छिटककर मन में समाई है। निशा ने हर रूप है बदले,धरा पर जुगनुओं की बारात…

पेरा ल काबर लेसत हो

पेरा ल काबर लेसत हो तरसेल होथे पाती – पाती बर, येला काबरा नइ सोचत हो!ये गाय गरुवा के चारा हरे जी , पेरा ल काबरा लेसत हो !! मनखे खाये के किसम-किसम के, गरुवा बर केठन हावे जी !पेरा…

तांका की महक- पद्म मुख पंडा स्वार्थी

तांका की महक बेटी चाहतीमाता पिता की खुशीबहू के लिएसास ससुर बोझतनातनी है रोज बेटी हमारीससुराल क्या गईसास ससुरमांगते हैं दहेजचाहिए कार नई मच्छरों को क्यापाप पुण्य से कामचूसेंगे खूनसभी लोगों का यूं हीजीना करें हराम लापरवाहीहोती खतरनाकसतर्क रहेंध्यान रखें…

वर्षा जैन “प्रखर- एक नया ख्वाब सजायें

एक नया ख्वाब सजायें सपने कभी सुनहले कभी धुंधले सेआँखों के रुपहले पर्दे पर चमकते सेबुन कर उम्मीदों के ताने बानेहम सजाते जाते हैं सपने सुहाने कनकनी होती है तासीर इनकीमुक्कमल नहीं होती हर तस्वीर जिनकीसपनों को नही मिल पाता…

रामराज्य पर कविता / बाँके बिहारी बरबीगहीया

Jai Sri Ram kavitabahar

रामराज्य पर कविता / बाँके बिहारी बरबीगहीया सप्तपुरी में  प्रथम  अयोध्या जहाँ रघुवर   अवतार  लिए।हनुमत, केवट,  गुह  , शबरीसुग्रीव को हरि जी तार दिए।गौतम की भार्या  अहिल्या कोचरण लगा उद्धार  किए ।मारीच, खर- दूषण , बालीऔर रावन का संहार किए ।आज…