तांका की महक
बेटी चाहती
माता पिता की खुशी
बहू के लिए
सास ससुर बोझ
तनातनी है रोज
बेटी हमारी
ससुराल क्या गई
सास ससुर
मांगते हैं दहेज
चाहिए कार नई
मच्छरों को क्या
पाप पुण्य से काम
चूसेंगे खून
सभी लोगों का यूं ही
जीना करें हराम
लापरवाही
होती खतरनाक
सतर्क रहें
ध्यान रखें सबका
नहीं कोई मजाक
पद्म मुख पंडा
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद