Tag: #पद्ममुख पंडा

  • बड़ी दौलत सेहत पर कविता

    बड़ी दौलत सेहत पर कविता

    सेहत सबसे बड़ी दौलत है ज़िंदगी को जियो, बड़े इत्मीनान से,कटेगी ज़िंदगी, बड़े शान से!हर पल,हर घड़ी, बिना किसी तनाव से,खुशी में, करो काम, बड़े…

  • समय की चाल – पद्म मुख पंडा

    समय की चाल – पद्म मुख पंडा

    समय की चाल सहज नहीं, जीवन भी जीना, नित उत्साह जरूरी है।हार गया, जो मन से, मानव की यह आदत, बूरी है।आएंगे तूफ़ान किस घड़ी,…

  • तांका की महक

    तांका की महक

    तांका की महक बेटी का ब्याहहुआ धूमधाम सेहुई विदाईबहू जला दी गईफिर खबर आई 2लड़का एकमां बाप का सहाराबेरोजगारअशिक्षित नाकाराबना आंखों का तारा3एक लड़कीसुशील सुशिक्षितविनयशीलमायका…

  • भोर का तारा एक आशावादी कविता

    भोर का तारा एक आशावादी कविता

    भोर का तारा पद्ममुख पंडा के द्वारा रचित आशावादी कविता है जिसमें उन्होंने प्रकृति का बेहद सुंदर ढंग से वर्णन किया है। साथ में यह…

  • जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता

    जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता

    जीवन भर का संचित धन हिंदी कविता सांध्य परिदर्शन गृह का पृष्ठ भाग उपवन है,तरु, लता, वनस्पति सघन है,मेरी यह दिनचर्या में शामिल,जीवन भर का…

  • मच्छर पर कविता

    मच्छर पर कविता

    मच्छर पर कविता ये मच्छर भी? न दिन देखते, न रात,ये आवारा मच्छर,करते हैं, आघात मुंह से,जहरीले तरल पदार्थ,मानव शरीर के अंदर,डालकर, चंपत हो जाते…

  • पद्ममुख पंडा महापल्ली के 10 हिंदी कवितायेँ

    पद्ममुख पंडा महापल्ली के 10 हिंदी कवितायेँ

    पुरातन काल में गुरू के प्रति शिष्य की जो प्रगाढ़ भक्ति भावना थी, वह अब कहीं भी देखने को नहीं मिलता है।

  • संस्कारों का आधुनिकीकरण- पद्ममुख पंडा महापल्ली

    संस्कारों का आधुनिकीकरण- पद्ममुख पंडा महापल्ली

    “संस्कारों का आधुनिकीकरण” बचपन से ही है मेरी नजरसमाज के रहन सहन परखान पान;जीवन शैलीसंस्कारों की है जो धरोहर अपनी संस्कृति है ऐसीसुंदर और मनोहरजो…

  • सामाजिक विषमता पर कविता- पद्म मुख पंडा

    सामाजिक विषमता पर कविता- पद्म मुख पंडा

    सामाजिक विषमता पर कविता- बही बयार कुछ ऐसी जूझ रहे जीने के खातिर,पल पल की आहट सुनकर,घोर यंत्रणा नित्य झेलते,मृत्यु देवता की धुन पर।सुख हो…

  • सुविचारित पग आगे बढ़ें

    सुविचारित पग आगे बढ़ें

    सुविचारित पग आगे बढ़ें मातृभूमि की सेवा करें,दलित शोषित समाज की पीड़ा हरें,निजी स्वार्थों से, ऊपर उठकर,पर हित में भी, ध्यान धरें,नव भारत के लिए,…