हरि का देश छत्तीसगढ़-बाँके बिहारी बरबीगहीया

हरि का देश छत्तीसगढ़ आर्यावर्त के हृदय स्थल परछत्तीसगढ़ एक नगर महान।कर्मभूमि रही श्रीराम प्रभु कीसंत गाहीरा,घासीदास बड़े विद्वान।संस्कृति यहाँ की युगों पुरानीअदृतीय धरा यह पावन धाम ।यहाँ धर्म की गंगा अविरल बहतीकहता है सब वेद पुराण ।नित दिन बरसे यहाँ हरि कृपालोग प्रेम सुधा का करें रसपान।जीवन धन्य हो जाता उनकाइस पावन प्रदेश में … Read more

छत्तीसगढ़ का वैभव -शशिकला कठोलिया

छत्तीसगढ़ का वैभव  कहलाता धान का कटोरा ,है प्रान्त वनाच्छादित ,महानदी ,इंद्रावती, हसदो, शिवनाथ करती सिंचित, छत्तीसगढ़ की गौरवशाली, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, जनजीवन पर दिखता, सामाजिकता व इंसानियत,हुए हैं छत्तीसगढ़ में,बड़े बड़े साहित्यकार,लोचन ,मुकुटधर ,माधव ,गजानन नारायण ,परमार ,प्राचीन काल से है यहां ,धार्मिक गतिविधियों का केंद्र सिरपुर ,डोंगरगढ़ शिवरीनारायण ,है आस्था का केंद्र रतनपुर ,बस्तर में है दर्शनीय स्थल … Read more

जब भी सुनता हूँ नाम तेरा- निमाई प्रधान’क्षितिज

जब भी सुनता हूँ नाम तेरा तेरे आने की आहटें… बढ़ा देती हैं धड़कनें मेरी !मैं ठिठक-सा जाता हूँ-जब भी सुनता हूँ नाम तेरा!! तेरे इश्क़ के जादूओं का असर..यूँ रहामेरी रूह बाहर रही,मैं ही तो अंदर रहा ख़ुद से मिलने को अक्सर…मैं बहक-सा जाता हूँ-जब भी सुनता हूँ नाम तेरा!! मरु-थल में भी गुलों की बारिश तेरे … Read more

निर्मल नीर के हाइकु

हाइकु

निर्मल नीर के हाइकु नूतन वर्ष~चारों तरफ़ छायाहर्ष ही हर्ष काम न दूजा~सबसे पहले होगायों की पूजा है अन्नकूट~कोई न रहे भूखाजाये न छूट भाई की दूज~पवित्र है ये रिश्ताइसको पूज दिवाली आई~घर-घर में देखोखुशियाँ छाई निर्मल ‘नीर’

नई राह पर कविता- बांकेबिहारी बरबीगहीया

नई राह पर कविता धन को धर्म से अर्जित करनातुम परम आनंद को पाओगे।सुख, समृद्धि ,ऐश्वर्य मिलेगी तुम धर्म ध्वजा फहराओगे।जीवन खुशियों से भरा रहेगायश के भागी बन जाओगे ।अपने धन के शेष भाग कोदान- पुण्य कर देना तुम ।दीन दुखियों की सेवा करकेनिज जीवन धन्य कर लेना तुम। सत्य,धर्म,तप,त्याग तुम करनाहर सुख जीवन भर पाओगे … Read more