दिखा दे अपनी मानवता- शशिकला कठोलिया
दिखा दे अपनी मानवता लेकर कोई नहीं आया ,जीवन की अमरता ,क्षणभंगुर संसार में ,दिखा दे अपनी मानवता । देशकाल जाति पाति की ,दीवारों को तोड़कर ,छुआछूत ऊंच नीच की ,सबी विविधता को हर ,हर इंसान के मन से ,मिता दे विविधता, क्षणभंगुर संसार में ,दिखा दे अपने मानवता । हंसना है तो ऐसे हंसो,हंसे तुम्हारे … Read more