चित चोर राम पर कविता / रश्मि

चित चोर राम पर कविता / रश्मि चित चोर कहो , न कुछ और कहो। मर्यादा पूरूषोत्तम है । हे सखी !सभी जो मन भायेवो मनभावन अवध किशोर कहो। चित चोर…….. है हाथ धनुष मुखचंद्र छटा, लेने आये सिय हाथ यहां। तारा अहिल्या को जिसने हे सखि…
चित चोर राम पर कविता / रश्मि चित चोर कहो , न कुछ और कहो। मर्यादा पूरूषोत्तम है । हे सखी !सभी जो मन भायेवो मनभावन अवध किशोर कहो। चित चोर…….. है हाथ धनुष मुखचंद्र छटा, लेने आये सिय हाथ यहां। तारा अहिल्या को जिसने हे सखि…
आत्महंता का अधिकार जहाँ सत्य भाषण से पड़ जाता संकट में जीवन।वहाँ कठिन है कह पाना कवि की कविता का दर्शन।। गुरु सत्ता पे शासन की सत्ता जब होती हावी।वहाँ जीत जाता अधर्म,धर्म की हानि अवश्यंभावी।। जो दरिद्र है,वही द्रोण…
भावभरे दोहे प्रकृति प्रदत्त शरीर में,नर-नारी का द्वैत।प्रेमावस्था में सदा,है अस्तित्व अद्वैत।। पावन व्रत करते नहीं,कभी किसी को बाध्य।व्रत में आराधक वही, और वही आराध्य ।। परम्पराएँ भी वहाँ,हो जाती निष्प्राण।जहाँ कैद बाजार में,हैं रिश्तों के प्राण।। एक हृदय से…
मानवता पर कविता पावन मानवता का संगम, हो नव आशाओं का संचार। नई सोच व नई उमंग से, मानवता की हो जयकार।। प्रभु नित नित वंदन करूँ जयकार।।…… प्रेम…
मेरा जीवन बना गुल्ली डंडा की परिभाषा सुबह सवेरे घर से भाग जाना पेड़ की टहनी से गुल्ली डंडा बनाना अमीरी -गरीबी ना छूत अछूत सबके निश्छल हृदय मिल के रहना खाना कितना सुख चैन था ना थी कोई निराशा मेरा जीवन बना गुल्ली डंडा…