गंगा की गरिमा रखे – मदन सिंह शेखावत

गंगा की गरिमा रखे गंगा की गरिमा रखे,                  रखना इसका मान।यही पावन पवित्र है,                  विश्व  करे  सम्मान। गंगा  है  भागीरथी,                   करती   है  उद्धार ।मत इसको गन्दा करे,          … Read more

हर गीत तुम्हारे नाम लिखूंगी

हर गीत तुम्हारे नाम लिखूंगी हे मितवा मनमीत मेरेहर गीत तुम्हारे नाम लिखूंगीशब्दों में जो बंध ना पायेऐसे कुछ अरमान लिखूंगी प्रीत के पथ के हम दो राही तेरा नेह बनाकर स्याही अपने अनुरागी जीवन में तुझको अपनी जान लिखूंगी  खुद को खोकर तुझको पायाईश मेरे मै तेरी छायाअपना सबकुछ अर्पण करकेतुझको ही पहचान लिखूंगी जन्मों जनम तुम्हीं … Read more

मैं हूँ पहाड़-विनोद सिल्ला

मैं हूँ पहाड़ मैं हूँ पहाड़तुम्हारे आकर्षण काहूँ केन्द्रशक्ति काविशालता काहूँ परिचायकनदियाँ हैंमेरी सुताजो हैं पराया धनहो जाती हैंमुझसे जुदाहोती हैं बेताब समुद्र से मिलने कोसमुद्र में विलीन होने कोहोती हैंमुझसे जुदानई दुनिया बसाने को -विनोद सिल्ला©कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

जिंदगी पर कविता -सरोज कंवर शेखावत

जिंदगी पर कविता -सरोज कंवर शेखावत जिंदगी ने जिंदगी से ऐसा भी क्या कह दिया,लब तो खामोश थे फिर क्या उसने सुन लिया। वक़्त की बेइमानियां सह ग‌ए हम  चुप खड़े,तूने जब मूंह मोड़ा हमसे हमने जहर है पिया। इस जहां की बंदिशों में हमने जीना सीखा है,दिल फंसा तेरे इश्क में बिन तेरे न … Read more

रत्न चतुर्दश-डॉ एन के सेठी

रत्न चतुर्दश मंदराचल  को  बना  मथनी, रस्सी शेष को।देवदनुज सबने मिल करके,मथा नदीश को।।किया  अथक  प्रयास  सभी ने,रहे वहां डटे।करलिया प्राप्त मधुरामृत जब,सभी तभी हटे।।                     रत्न  चतुर्दश निकले  उससे, जो परिणाम था।सर्वप्रथम था  विष हलाहल, जो ना आम था।।तब पान किया शिव ने उसका,तारा सृष्टि … Read more