सुनो राधिके- डा.नीलम
सुनो राधिके सुनो राधिकेहर बार तुम्ही प्रश्न चिह्न बनीसम्मुख मेरे खडी़ रहींहर बार ही मैंनेतुमको हल करने काप्रयत्न कियापर…….राधिके तूने कब कबमुझको समझाजब भी मैने रास कियाहर गोपी मेंतुझको ही देखाबांसुरी की हर साँस मेंतेरी ही धड़कन जानीकालिंदी कीअल्हड़ लहरेमुझको तेरी अंगडा़ई लगेकदंब तने सेजब जब लिपटातुझसे ही लिपटा जैसेहर पात पात मेंतुझको देखाहर स्वास में … Read more