क्या होती है निराशा – धनेश्वर पटेल
क्या होती है निराशा लेती जो छीन जीने की आशापेंचीदा है ,इसकी परिभाषासवालों से घिरे बयां करते चेहरे,बता रहे क्या होती है निराशा।। खो गई मुस्कान कहीं दूर किस्मत में नहीं, वो भी मंजूर आंखो में…
क्या होती है निराशा लेती जो छीन जीने की आशापेंचीदा है ,इसकी परिभाषासवालों से घिरे बयां करते चेहरे,बता रहे क्या होती है निराशा।। खो गई मुस्कान कहीं दूर किस्मत में नहीं, वो भी मंजूर आंखो में…
हाँ ये मेरा आँचल आँचल, हाँ ये मेरा आँचलजब ये घूंघट बन जाता सिर परआदर और सम्मान बड़ों काघर की मर्यादा बन जाता है जब साजन खींचें आँचल मेराप्यार, मनुहार और रिश्तों मेंयही सरलता लाता हैप्यार से जब शर्माती हूँ…
बेटी हूँ आपकी कोख मे पल रही , शीघ्र जग में आऊ। नन्ही सी परी बन,जन जन को बतलाऊ। हूं बेटी मैं आपकी,दूध का कर्ज चुकाऊ।एक नही दो-दो कुल की,लाज बचाऊ।बेटी हूं आपकी……………….। पंख नही फिर भी,आसमान उड़ जाऊ। मंगल…
गाय गरुवा के हड़ताल हमरो बनय राशन कारड चारा मिलय सरकारी ।सब्बो योजना ल छोड़ भर पेट मिलय थारी।जब तक पूरा न होवय गरुवा घुरुवा अउ बारी ।गाय गरुवा के हड़ताल रही जारी…….। छत्तीसगढ़ के चारो कोती हामर हावय चिन्हारी…
भारत माता रोती है जब-जब सीमा पर अपना,वीर सपूत खोती है ।तब भारत माता रोती है,तब भारत माता रोती है ।। सीने से लगाकर मां जिसको दूध पिलाती ।गोद में बिठाकर मां जिसको रोटी खिलाती ।छाती में लिटाकर मां…