कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

समर शेष है रुको नहीं

समर शेष है रुको नहीं समर शेष है रुको नहींअब करो जीत की तैयारीआने वाले भारत कीबाधाएँ होंगी खंडित सारी, राजद्रोह की बात करे जोउसे मसल कर रख देनादेश भक्ति का हो मशाल जोउसे शीश पर धर लेना, रुको नहीं…

भारत सब से न्यारा दुलारा

aatmnirbhar bharat

भारत सब से न्यारा दुलारा भारत तु जग से न्यारा, सब से तु है दुलारा,मस्तक तुझे झुकाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।। सन सैंतालिस मास अगस्त था, तारिख पन्द्रह प्यारी,आज़ादी जब हमें मिली थी, भोर अज़ब वो न्यारी।चारों तरफ खुशी थी,…

दहेज दानव

दहेज दानव ये दहेज दानव हजारों कन्याएं खा गया।ये बदलता माहौल भी रंग दिखा  गया।। हर  रोज  अखबारों  में  ये   समाचार  है,ससुराल  जाने  से  कन्या  का इंकार  है,क्यों नवविवाहितों को स्टोव जला गया।। बिकने  को  तैयार  लड़के हर  तरह  से,मांगें …

पुलिस मेरे शहर की

पुलिस मेरे शहर की अपनी पर  आ  जाए तोमुर्दों से भी उगलवाती हैजटिल से जटिल मामलायूं मिनटों में  निपटाती हैपुलिस मेरे शहर की|| सुस्ती और लापरवाही मेंकितने  मामले  दबाती हैचाय – पानी  के  बगैर  येमहीनों  भर  लटकाती  हैपुलिस मेरे शहर…

नहीं लेता सीख इंसान इनसे जाने क्‍यों?

नहीं लेता सीख इंसान इनसे जाने क्‍यों? एक क्‍यारी मेंअनेक हैं पेड़-पौधेअलग-अलग हैंजिनकी नस्‍लअलग-अलग हैं गुणअलग-अलग हैं रंग-रूपफिर भीनहीं करते नफरतएक-दूसरे सेनहीं है इनमेंभेदभाव की भावनानहीं मानते किसी कोछोटा या बड़ानहीं है इनमें रंग-भेद हवा की धुन परथिरकते हैं सबएक…