कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

है नमन देश की माटी को -राजेश पाण्डेय अब्र

है नमन देश की माटी को विश्वजीत है स्वंत तिरंगा तीन रंगों की अमृत गंगासरफ़रोश होता हर जन मन मत लेना तुम इससे पंगा, ऊर्ज समाहित सैन्य बलों में जन,  धन लेकर खड़े पलों मेंऊर्जा  का  संचार  देश  मेंप्रश्न खड़े अनुत्तरित…

प्रेम का सागर है माँ – सुन्दर लाल डडसेना मधुर

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। प्रेम का सागर है…

गाय सड़क पर- राजकिशोर धिरही

गाय सड़क पर गाय सड़क पर देख के,हो जाते हम मौन।लक्ष्मी अब माने नहीं,पाले इनको कौन।। दुर्घटना अब रोज ही,करते मानव हाय।बस बाइक कैसे चले,सड़कों पर है गाय।। पालन पोषण बंद है,ले कर दौड़े बेत।गाय बैल अब चर रहें,घूम घूम…

गजल का अर्थ क्या है व इसके नियम / ग़ज़ल कैसे लिखें ( How to write GAZAL)

literature in hindi

यहाँ हम आपको " ग़ज़ल कैसे लिखें/गजल का अर्थ क्या है व इसके नियम क्या हैं " के बारे में बताने वाले हैं जिसे विभिन्न माध्यम से हमने संग्रहित किया है .

दोहा छंद विधान व प्रकार

दोहा छंद विधान व प्रकार – प्रदीप कुमार दाश “दीपक” “दोहा” अर्द्धसम मात्रिक छंद है । इसके चार चरण होते हैं। विषम चरण (प्रथम तथा तृतीय) में १३-१३ मात्राएँ और सम चरण (द्वितीय तथा चतुर्थ) में ११-११ मात्राएँ होती हैं।…