कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

विघ्न हरो गणराज-सुधा शर्मा

विघ्न हरो गणराज हे गौरी नंदन हे गणपति,प्रथम पूज्य  महराज। कृपा करो हे नाथ हमारे,विघ्न हरें गण राज।। घना तिमिर है छाया जग में, भटक रहा इंसान।   भूल गया जीवन मूल्यों को ,बना हुआ शैतान।।  हे दुख भँजन आनंददाता,करिए  पूरी…

वे है मेरे गुरु जी-रोहित शर्मा ‘राही’

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

अच्छे गुरु की पहचान हो -डीजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

गुरू ने ज्ञान का दीप जलाया -सुन्दर लाल डडसेना मधुर

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…

तीजा तिहार पर आधारित लोकगीत -माधुरी डडसेना

तीजा तिहार पर आधारित लोकगीत  ठेठरी खुरमी धर के दीदी,तीजा मनाये बर आहे जी।गंहू के गुलगुल भजिया धरके,डोकरी दाई बर लाथे जी।।  दाई ददा के मयारू ह,   बेटी बनके आहे जी।बालपन के संगी जहूंरिया,  डेरउठी म रद्दा निहारे जी।।  बारा…