कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

तुम पर लगे इल्जामातमुझे दे दो

तुम पर लगे इल्जामातमुझे दे दो तुम अपने अश्कों की सौगातमुझे दे दोअश्कों में डूबी अपनी हयातमुझे दे दो जिस रोशनाई ने लिखेनसीब में आंसूखैरात में तुम वो दवातमुझे दे दो स्याही चूस बन कर चूस लूंगाहरफ  सारेरसाले में लिखी…

मेरे वो कश्ती डुबाने चले है

मेरे वो कश्ती डुबाने चले है रूठे महबूब को हम मनाने चले है |अपनी मजबूरीया उनकों सुनाने चले है | जो कहते थे तुम ही तुम हो जिंदगी मेरी  |बीच दरिया मेरे वो कश्ती डुबाने चले है | ख्यालो ख्याबों…

मानवता की छाती छलनी हुई

मानवता की छाती छलनी हुई विमल हास से अधर,नैन वंचित करुणा के जल से।नहीं निकलती पर पीड़ा की नदीहृदय के तल से।। सहमा-सहमा घर-आँगन है, सहमी धरती,भीत गगन है ।लगते हैं अब तो जन-जन क्यों जाने ?हमें विकल से । स्वार्थ शेष है…

कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार

कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार नारी की शोभा बढ़े, लगा बिंदिया माथ।कमर मटकती है कभी, लुभा रही है नाथ। कजरारी आँखें हुई,  काजल जैसी रात।सपनों में आकर कहे,  मुझसे मन की बात। कानों में है गूँजती, घंटी झुमकी…

बस तेरा ही नाम पिता

बस तेरा ही नाम पिता        उपर से गरम अंदर से नरम,ये वातानुकूलित इंसान है!पिता जिसे कहते है मित्रो,वह परिवार की शान है!! अच्छी,बुरी सभी बातो का,वो आभास कराते है!हार कभी ना मानो तुम तो,हर पल हमै बताते…