आओ हम सौगंध उठाएँ

आओ हम सौगंध उठाएँ प्रेम, सौहार्द्र, भ्रातृत्व भाव कीधरा पर अखंड ज्योति जलाएँभेदभाव न हो  जाति धर्म काआओ  हम  सौगंध  उठाएँ lईश्वर, अल्लाह, राम, रहीम कीपूज्य धरा को  स्वर्ग  बनाएँएक पिता हम सबका मालिकएकता  का  संदेश  फैलाएँ lऊँच, नीच,मज़हब,संप्रदाय काभेदभाव  मुल्क  से  ही  हटाएँअमन, शांति, चैन,  सुकून  काआओ  मिल कर बीड़ा उठाएँ lहिन्दू,  मुस्लिम,  सिक्ख, … Read more

जल से जीवन जगत चराचर

जल से जीवन जगत चराचर जल से जीवन जगत चराचर जल ही है जीवन और प्राण जल बिन अस्तित्व नहीं कोई हैं समक्ष  हमारे कई प्रमाण l जीवन का कोई काज न ऐसा जल बिन हो जाए जो पूरा धरती की क्या बात करें जल बिन अंबर भी है अधूरा l जल ही मनुज जीवन … Read more

हमर गंवई गाँव

हमर गंवई गाँव 1 आबे आबे ग सहरिया बाबूहमर गंवई गाँवगड़े नही अब कांटा खोभातुंहर कुँवर पांवआबे आबे सहरिया बाबूहमर गंवई गाँव।। 2 गली गली के चिखला माटीवहु ह अब नंदागे।पक्की सड़क पक्का नालीहमरो गांव म छागे।लइका मन बर स्कूल खुलगेजगाथे गाँव के नाव।आबे आबे ग सहरिया बाबूहमर गंवई गांव ।। 3 नरवा खड़ म … Read more

बचपन पर कविता

बचपन पर कविता चिलचिलाती हुई धूप मेंनंगे पाँव दौड़ जाना,याद आता है वो बचपनयाद आता है बीता जमाना।माँ डांटती अब्बा फटकारतेकभी-कभी लकड़ी से मारतेभूल कर उस पिटाई कोजाकर बाग में आम चुराना।याद आता है वो बचपनयाद आता है बीता जमाना।या फिर छुपकर दोपहर मेंनंगे पाँव दबे-दबे सेलेकर घर से कच्छा तौलियागाँव से दूर नहर में … Read more

अचरज मा परगे

अचरज मा परगे कोठी तो बढ़हर के* छलकत ले भरगे।बइमानी के पेंड़ धरे पुरखा हा तरगे॥अंतस हा रोथे संशो मा रात दिन।गरीब के आँसू हा टप-टप ले* ढरगे॥सुख के सपुना अउ आस ओखर मन के।बिपत के आगी मा सब्बो* हा  जरगे॥सुरता के रुखवा हा चढ़े अगास मा।वाह रे वा किस्मत! पाना अस झरगे*माछी नहीं गुड़ … Read more