कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

कोठी तो बढ़हर के छलकत ले भरगे

कोठी तो बढ़हर के छलकत ले भरगे कोठी तो बढ़हर के* छलकत ले भरगे।बइमानी के पेंड़ धरे पुरखा हा तरगे॥अंतस हा रोथे संशो मा रात दिन।गरीब के आँसू हा टप-टप ले* ढरगे॥सुख के सपुना अउ आस ओखर मन के।बिपत के…

कहें सच अभी वो जमाना नहीं है

कहें सच अभी वो जमाना नहीं है कहें सच अभी वो जमाना नहीं है।यहाँ सच किसी को पचाना नहीं है॥मिले जो अगर यूँ किसी को अँगाकर। खिला दो उसे तो पकाना नहीं है॥लगे लूटने सब निठल्ले यहाँ पर।उन्हें तो कमाना धमाना…

बाते सोलह आने सच है

बाते सोलह आने सच है पानी के लिए कुँएँ बावली नल में होता है खूब जमावमहाराष्ट्र में लगा था धारा 144 देख कर भीड़ में टकराव पानी के स्रोतों के पास समूह नहीं हो सकते थे खड़ेजल संकट से जूझ…

कविता मेरी ऐसी हो

कविता मेरी ऐसी हो कविता मेरी  ऐसी होजिसमें हो कोई संदेश ।संतों की वाणी हो जिसमेंगीता का उपदेश ।गौतम हो गुरू नानक होहो उनकी गुरु वाणीगंगा जल की पवित्रता होमहानदी का पानी ।गंगा से सिंचित कविता कोमिले नया  परिवेश ।संतों…

जीवन की है परिभाषा

जीवन की है परिभाषा अक्षर अक्षर भावों से  गुंजितकल्पना की मिठास है कविताकवि मन की मर्म अभिव्यंजनामृदु निर्झरित एहसास है कविता lसुख दुख से परिपूर्ण जीवन कीशब्द शक्ति की आशा है कवितारवि किरणों से भी सशक्त है येजीवन की है…