सिर पर है चुनाव
बीच बवंडर गोते खाती, फंस गई जैसे ना
कुछ ऐसा माहौल बना है, सिर पर है चुनाव
उबड़ खाबड़ गड्ढे वाले, अब दिखते है गांव
ये अब तो मुद्दा है भैया, सिर पर है चुनाव
अपनी मांगे हमको तुम , झट से बतलाव
लगे हाथ झट पूरी होंगी,सिर पर है चुनाव
बरसों से है गांव अंधेरा, खम्भे भी लगवाव
फौरन अपने सरपंच से, सिर पर है चुनाव
हाथ हिलाने वाले अब तो, पड़ते सबके पाँव
अजब गजब महिमा है, जय जय हो चुनाव
अनिल (अभिअन्नु) महासमुंद