कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

सिर पर है चुनाव

सिर पर है चुनाव बीच बवंडर गोते खाती, फंस गई जैसे नाकुछ ऐसा माहौल बना है, सिर पर है चुनावउबड़ खाबड़ गड्ढे वाले, अब दिखते है गांवये अब तो मुद्दा है भैया, सिर पर है चुनावअपनी मांगे हमको तुम ,…

स्वयंसिद्धा

स्वयंसिद्धा देहरी को लाँघने ,साहस सदा तुममें रहा,अधिकार के सत्कार मेंकर्तव्य की कारा बना,क्यूँ  प्रश्न वाचक तुम बनी,अवधारणा को तोड़खोल पाँखे खोलहै तू सदा से ही ,जगतनियन्ता ने बनायासृष्टि के आदि से,पुराण, वेद, उपनिषद्कालातीत से कालांतरगढ़ा है ,सुझाया,जन्म जन्मातर से…

बेटा-बेटी में भेद क्यों पर कविता

बेटा-बेटी में भेद क्यों पर कविता सागर होते हैं बेटे, तो गंगा होती है बेटियांचांद होते हैं बेटे, तो चांदनी होती हैं बेटियांजग में दोनों ही अनमोल फिर भेद कैसा।।कमल होते बेटे,तो गुलाब होती हैं बेटियांपर्वत होते बेटे, तो चट्टान…

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोहे

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दोहे नारी से है सुख  मिला, नारी से सम्मान।बिन नारी घर घर नही, लगता है सुनसान ।।1 नारी को सम्मान दो, नारी मात समान ।नारी से घर स्वर्ग है, सब पर देती जान ।।2 बिन घरनी…

मोबाइल महाराज

मोबाइल महाराज जय हो तुम्हारी हे मोबाइल महाराजतकनीकि युग के तुम ही हो सरताजबिन भोजन  दिन कट जाता हैपर तुम बिन क्षण पल नहीं न आज।हे मोबाइल तुम बिन सुबह न होवेतुम संग आॅनलाइन रह सकें पूरी रातगुडमार्निंग से लेकर…