परदेसी से प्रीत न करना

परदेसी से प्रीत न करना तुमसे विलग   हुए तो कैसेकैसे दिवस निकालेंगे।दीप    जलाये   हैं हमने हीदीपक आप बुझा लेंगे। तन्हाई में   जब   जब यारायाद तुम्हारी आयेगी।परदेसी  से   प्रीत  न करनादिल को यों समझा लेंगे।। शायद सदमा झेल न पाओतुम मेरी बर्बादी का।अपने अंदर  ही अपने हमसारे हाल छुपा लेंगे।।झूँठा   है ये  प्यार मुहब्बतझूँठे हैं सब … Read more

किसानों को समर्पित एक कविता

किसानों को समर्पित एक कविता जेठ की तपती दुपहरी होया मूसलाधार बारिशअभावों कीकुलक्षिणी रात होया ….दक्षिणी ध्रुवी अंधकार अमावस्याजाड़े की ठिठुरन में भीऔरों की तरहनहीं सोतावह घोड़े बेचकर ..जिम्मेवारियों का निर्वहन करतेधरती के गर्भ सेजिसनेअन्न उपजामनुष्य और मनुष्यता कोजीवित रखासंसार को नया आकार देकरफसलों में मुस्कान बिखेरीदलदली पंक को रास्ता बनानवांकुरों को चलना सिखायामगर!विडम्बना ऐसीकि … Read more

माधव श्री कृष्ण पर कविता

shri Krishna

माधव श्री कृष्ण पर कविता सबके दिल मे रहने वाला,माखन मिश्री खाने वाला।गाय चराते फिरते वन मे,सुंदर तान सुनाने वाला ।खेल दिखाते सुंदर केशव,सबके मन को भाने वाला।भाये ना केशव मुझको अब,   हर  दस्तूर जमाने वाला।ध्यान धरे है माधव सबकी,दुख सबके है हरने वाला।क्यों ऐसी बातें करता हैं ,हिंसा को भड़काने वाला।      जागृति मिश्रा … Read more

फिर जली एक दुल्हन

फिर जली एक दुल्हन शादी का लाल जोड़ा पहन,ससुराल आई एक दुल्हन,आंखों में सजाकर ख्वाब,खुशियों में होकर मगन! रोज सुबह घबरा सी जाती,बन्द सी हो जाती धड़कन,ना जाने कब बन जाये,लाल जोड़ा मेरा कफ़न! फिरभी सींचे प्यार से,अपना छोटा सा चमन,खुशियों से महके आँगन,नित नए खिलते सुमन! एक रोज अखबार देखा,आज भी अग्नि-दहन,दहेज की ही … Read more

मनीलाल पटेल उर्फ़ मनीभाई नवरत्न के कविता

manibhai Navratna

मनीलाल पटेल उर्फ़ मनीभाई नवरत्न के कविता एक अजब खिलखिल है जान अकेली है।मौत सहेली है।काँपती देहहवा बर्फीली है । चादर आसरा हैदहक सहारा है।दंत की किटकिटसर्द की नारा है। तन में ठिठुरन है ।मन में जकड़न है ।जग धुंधला सारज को अड़चन है । हर पल को मुश्किल है ।ठंड जिनकी कातिल है।रंग बदला … Read more