परदेसी से प्रीत न करना
परदेसी से प्रीत न करना तुमसे विलग हुए तो कैसेकैसे दिवस निकालेंगे।दीप जलाये हैं हमने हीदीपक आप बुझा लेंगे। तन्हाई में जब जब यारायाद तुम्हारी आयेगी।परदेसी से प्रीत न करनादिल को यों समझा लेंगे।। शायद सदमा झेल न पाओतुम मेरी बर्बादी का।अपने अंदर ही अपने हमसारे हाल छुपा लेंगे।।झूँठा है ये प्यार मुहब्बतझूँठे हैं सब … Read more