कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

प्यार एक दिखावा

प्यार एक दिखावा न कसमें थीं न वादे थेफिर भी अच्छे रिश्ते थेआखों से बातें होती थींकुछ कहते थे न सुनते थेन आना था न जाना थाछत पर छुप कर मिलते थेवो अपनी छत हम अपनी छतबस दूर से देखा…

प्रीत की रीत

प्रीत की रीत चंद्र गगन में आधा हो ,प्रिय से मिलन का वादा हो ,बनता है इक गीत|निस दिन अंखियां बरसी हो ,पिया मिलन को तरसीं होंबढ़ती है तब प्रीत|जब सारी रस्में निभानीं हो,छोटी जिंदगानीं हो,सजती है तब  प्रीत की…

तीन ताँका – प्रदीप कुमार दाश

तीन ताँका नेकी की राहछोड़ते नहीं पेड़खाये पत्थरपर देते ही रहेफल देर सबेर । जेब में छेदपहुँचाता है खेदसिक्के से ज्यादागिरते यहाँ रिश्तेअचरज ये भेद । डूबा सूरजडूबते वक्त दिखारक्तिम नभलौट रहे हैं नीड़अनुशासित खग ।        ~ ● ~…

प्रजातंत्र पर कविता

प्रजातंत्र पर कविता जहरीला धुंआ है चारो ओर,मुक्त हवा नहीं है आज,पांडव सर पर हाथ धरे हैं,कौरव कर रहे हैं राज! समाज जकड़ा जा रहा है,खूनी अमरबेल के पंजों में,नित्य फंसता ही जा रहा है,भ्रष्टाचार के शिकंजों में! आतंक का…

सुनो एक काम करते हैं

सुनो एक काम करते हैं सुनो एक काम करते हैं दोनों भाग जाते हैंचलेंगे उस जगह पे हम जहां सब मुस्कुराते हैंबहारों का हंसी मौसम जहाँ हर रोज़ रहता होपपीहे पीहू पीहू के जहाँ पे गीत गाते हैं दूर तक…