अकड़ पर कविता
अकड़ पर कविता जीवन के इस उम्र तकना जाने कितने मुर्दे देखे। कितनो को नहलाया तैयार भी कियाऔर पाया केवल अकड़सचमुच मुर्दो में अकड़ होती है लेकिन जीते जी इंसान क्यूं दिखाते है अकड़ क्या वे मुर्दे के समान है या यही उनकी पहचान हैमरना तो सब को हैफिर अकड़ अभी से क्यूं?? जियो जी … Read more