आओ मिलकर पेड़ लगाएं

आओ मिलकर पेड़ लगाएं सूनी धरा को फिर खिलाएंधरती मां के आंचल को हमरंगीन फूलों से सजाएंआओ मिलकर पेड़ लगाएं।। न रहे रिश्तों में कभी दूरियांचाहे हो गम चाहे मजबूरियांमिलकर घर सब सजाएंआओ मिलकर पेड़ लगाएं।। वन की सब रखवाली करेंसूखे लकड़ियो से काम चलाएंकैसे न खुश होंगी फिजाएंआओ मिलकर पेड़ लगाएं।। अगर करोगे वन … Read more

कलम से वार कर

कलम से वार कर परिणाम अच्छे हो या बुरे,,उसे सहर्ष स्वीकार कर,,किसी को दोषी मत ठहरा,,अपने आप का तिरस्कार कर,,समीक्षा कर अंतःकरण का,,और फिर कलम से वार कर ।।        जहाँ तुम्हें लगे मैं गलत हूँ,,       वहाँ बेझिझक अपनी हार कर,,       अपने चिंतन शक्ति को बढ़ाकर,,        तुम ज्ञान का प्रसार कर,,        अपने अन्दर अटूट विश्वास … Read more

सखी वो मुझसे कह कर जाते

सखी वो मुझसे कह कर जाते नैनन मेरे नीर भर गयेहृदय किया आशंकित हैगये होगें जिस मार्ग पे चलकेउस पथ उनके पग अंकित हैजाना ही था जब प्रियतम कोथोडी देर तो रह कर जाते !!१!!*सखी वो मुझसे*…………….. भोर भयी जब देखा मुडकरप्रियतम सेज दिखे ना हमेंहृदय हुआ जो पीडित उस क्षणकहूँ वो कैसे व्यथा तुम्हेंसह … Read more

पहचान पर कविता

पहचान पर कविता कैद न करो बस पिंजरे मेंहमें नही चाहिए पूरा जहान ।अपने को मानते हो श्रेष्ठ तोहमें भी बनने दो नारी महान ।।जहाँ कोई मालिक न होऔर न हो यहाँ कोई गुलाम ।दोस्ती का रिश्ता हो बसदोस्ती ही हो हमारी पहचान ।।आजादी नहीं चाहिए तुमसेबस बनी रहे मेरी भी शान ।जहाँ कोई छोटा- … Read more

माता पिता पर कविता

माता पिता पर कविता धन्य – धन्य माता -पिता ,धन्य आपका प्यार Iतन देकर ‘माधव’ किया ,बहुत बड़ा उपकार ll ब्रह्मा , विष्णू   बाद   में , नन्दी  के  असवार I‘माधव’   पहले  मात -पितु , बन्दउँ बारम्बार ll कोरे कागज पर लिखा , तुमने भला  सुलेख I‘माधव’ जैसा आज हूँ , अपनी ही छवि देख Il … Read more