कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

कैसे गीत लिखूं

कैसे गीत लिखूं अब मैं कैसे गीत लिखूंकैसे प्रीत की रीत लिखूं ना कोई संगी ना कोई साथीजैसे तेल बिन जले है बाती कैसे प्रीत की रीत लिखूं.. ना कोई मेल ना है मिलापफिर क्यों बिछोह का है आलाप अब…

हिन्दी का शृंगार

हिन्दी का शृंगार आ सजनी संग बैठआज तुझे शृंगार दूँमेरी प्रिय सखी हिंदीमैं तुझको संवार दूँ । कुंतिल अलकों के बीचऊषा की सजा कर लालिमा,मुकलित कलियों की वेणीजूड़े के ऊपर टांग दूँ।आ सजनी..। ईश वंदन बेंदी शीशफूलपावन स्तुतियों के कर्ण…

हिन्दी हमारी जान है

हिन्दी हमारी जान है हिन्दी हैं हम..हिन्दी हमारी जान है, हम सबकी जुबान है !! रग-रग में बहता लहू ही है, ये हर हृदय की तान है!! हिन्दी हैं हम..हिन्दी हमारी जान है!! अपने में समाहित कर लेगी..हो शब्द किसी..भाषा…

हिन्दी हमारी शान

हिन्दी हमारी शान हिन्दी न केवल बोली भाषा,                         ये हमारी शान है।मातृभाषा  है  हमारी,                           ये बड़ी महान है।।……..चमकते तारे आसमां के ,                           हैं भारत के वासी हम।कोई चंद्र है कोई रवि,                          कोई यहां भी है न…

इंसान हो तो सदा सदकर्म करो

इंसान हो तो सदा सदकर्म करो इंसान हो तो सदा सदकर्म करो या चुल्लू भर पानी में डूब मरो चार दिन की चटक चाँदनी फिर तो अंधेरी रात हैये जीवन अभिनय मंच हैकुछ नहीं  संग में जात है साँसे मिली…