Author: कविता बहार

  • वतन को नमन करता हूँ

    वतन को नमन करता हूँ

    भारत माँ की चरण धूलि,
    चंदन माथे धरता हूँ ।
    सपूत हूँ नाम वतन के ,
    जीवन अर्पण करता हूँ ।


    बहता शोणित यूँ रगों में,
    जलते अंगारों सा
    सिंधु प्रलय सा उठती लहरें,
    उर में ललकारों का
    सिंहनाद हूँकारें भरकर,
    शत्रुओं से नित लड़ता हूँ।


    माँ की कोख निहाल होती
    माटी का कर्ज चुकाता हूँ
    अस्मिता की रक्षा खातिर
    प्राणोत्सर्जन कर जाता हूँ
    मातृभूमि के परवाने बन,
    ज्वाल चिता पर जलता हूँ


    इस माटी की गंध में लिपटे
    जाने कितने कितने नाम
    राणा शिवा सावरकर जैसे
    है वतन के ये अभिमान
    राज गुरू चंद्रशेखर बन
    हँसकर फांसी चढ़ता हूँ


    बेड़ियों में जकड़ी माता
    जब जब अश्रु बहाती है
    सिसक उठती हैं सदियाँ
    बूँद बूँद कीमत चुकाती है
    बन राम कृष्ण अवतरित होता
    पीड़ा जगत की हरता हूँ


    युगों- युगों से चलती आई
    भारत की अमर कहानी
    जब -जब संकट आया भू पर
    बेटों ने दी है सदा कुर्बानी
    जन गण मन साँसों में समाहित
    वतन को नमन करता हूँ।


    सुधा शर्मा
    राजिम छत्तीसगढ़

  • नव सुर-दात्री

    नव सुर-दात्री,नव लय-दात्री
    नव – गान मयी,नव तान – मयी।


           देवी मैं हूँ  अति अज्ञानी
           नहीं है जग में   तुमसा  दानी
            माँ! दान दो नव अक्षरो  का
           माँ दान दो नवलय  स्वरो का


    जग- सृष्टा की मानस – कन्या
    बुद्धि दाता  न तुझसी अन्या।।


             शारदे! वागेश-  वीणा – धारणी
              भारती! भारत- सुतों की तारणी
              नव स्वर जगत में भर दे आज तू
               हम सभी को धन्य कर दे आज तू ।।

    ✍-कालिका प्रसाद सेमवाल

  • जय जय वरदानी

    जय जय वरदानी

    जयति मातु जय जय वरदानी।
    सब जग पूजे मुनि जन ज्ञानी।।
    नित नित ध्यान करूँ मैं माता।
    तुम सब जन की भाग्य विधाता।।

    मातु ज्ञान की तुम हो सागर।
    जगत ज्ञान से करो उजागर।।
    सदा मातु बसना तुम वाणी।
    जय जय वंदन वीणापाणी।।


              …..भुवन बिष्ट

  • भारत माँ का सपूत

    23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी।

    महात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा गांधी की हत्या कर दी गयी थी। महात्मा गांधी के सम्मान में 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर पर शहीद दिवस मनाया जाता है।

    bharatmata
    भारत माता

    भारत माँ का सपूत

    भारत माँ का मैं वीर सपूत सीमा पर जाऊँगा।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।

    हमें हमारी मातृभूमि से इतना प्यार मिला ।
    माँ की आँचल छैंया सा सा दुलार मिला ।
    मातृभूमि के रक्षा हित निज प्राण गवाऊँगा ।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।।

    लेकर जान हथेली पर चलते भारत के वीर ।
    दुश्मन गर आ जाये सामने देते उनको चीर ।
    अमन चैन  और शाँति का संदेशा लाऊँगा ।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।

    देश  वासियों के चेहरे पे मुस्कान रहे ।
    फहरता  तिरंगा  छूकर  आसमान  रहे ।
    पूरा भारत परिवार मेरा मुस्कान दे जाऊँगा ।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।।

    लहू से सींचा धरती को उन वीरों याद करें ।
    तड़प रही माँ  भारती उनको हम आजाद करें ।
    काश्मीर  हमारा  है रहेगा लेकर आऊँगा ।
    वीर भूमि की माटी का मैं भी कर्ज चुकाऊँगा ।।

    केवरा यदु”मीरा “
    राजिम

  • भारत माँ के सपूत

    भारत माँ के सपूत

    – घनाक्षरी


    चाहे ठंड का कहर
    आधी रात का पहर
    तिलभर न हिलते,
    खड़े , सीना तान के।


    डरते न तूफान से
    डटे हैं बड़ी शान से
    भूख ,प्यास ,नींद छोड़,
    रखवारे मान के।


    समर्पित हैं देश को
    मातृ -भू जगदीश को
    तन, मन ,धन सब,
    सुर -लय गान के।


    लगे सब देव दूत
    भारत माँ के सपूत
    बचाये त्रासदी से वो,
    निज धर्म मान के।

    पुष्पा शर्मा “कुसुम”