नरक चतुर्दशी पर कविता (Poem on Narak Chaturdashi in hindi)

नरक चतुर्दशी पर कविता: नरक क्या है चतुर्दशी और इससे जुडी कविताएँ नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं। इसे छोटी दीपावली इसलिए कहा जाता है क्योंकि दीपावली से एक दिन पहले, रात के समय उसी प्रकार दीए की जगमगाहट से रात के तिमिर को प्रकाश पुंज से दूर भगा दिया जाता है जैसे … Read more

धनतेरस पर कविताएं: Poems on Dhanteras in hindi

धनतेरस पर कविताएं: कार्तिक माह (पूर्णिमान्त) की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र-मंन्थन के समय भगवान धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि चूँकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। … Read more

भाई दूज पर कविताएँ

भाई दूज पर कविताएँ : रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह ‘रक्षासूत्र’ मात्र धागे का एक टुकड़ा नहीं होता है, बल्कि इसकी महिमा अपरम्पार होती है। कहा जाता है कि एक बार युधिष्ठिर ने सांसारिक संकटों से मुक्ति के लिये भगवान कृष्ण … Read more

चेतना आधारित कविता

चेतना आधारित कविता वह  चेतन  निर्द्वन्द  है अद्भुत  निर्विकार  हैसारे विकार  मनजनित कल्पित संस्कार है ।आत्म सत्ता है सर्वोपरि  बोधक है  सदगुरु ,भ्रम  भेद  भय भटकाता अतुल भवभार है ।जो है अजर जो है अमर सर्वदा त्रयकाल है ,इस जीव जगत का सर्वत्र मात्र एक दातार है।संयोग  वियोग दुख  सुख से है परे प्राणधन ,जग … Read more

छेरछेरा त्योहार पर कविता

छेरछेरा त्योहार पूस मास की पूर्णिमा, अन्न भरे घर द्वार।जश्न मनाता आ गया, छेरछेरा त्योहार।।अन्न दान का पर्व है, संस्कृति की पहचान।मालिक या मजदूर हो, इस दिन एक समान।। घर-घर जातें हैं सभी, गाते मंगल गान।मुट्ठी भर-भर लोग भी, करते हैं सब दान।।भेष बदल कैलाश-पति, गये उमा के द्वार।अन्नदान से फिर मिला, इक दूजे को … Read more