सुकमोती चौहान के हाइकु

सुकमोती चौहान के हाइकु पितर पाख~पति की तस्वीर मेंफूलों की माला। पूस की रात~भुट्टे भून रही हैअलाव में माँ। श्मशान घाट~कुत्ते के भौंकने सेसहमा रामू। श्रृंगार पेटी~गौरैया नोंचे देखशीशा में छवि। गौरैया झुँड़चुग रहे हैं दाने~धूप सुगंध। पीपल पातखा रही…