बाँसुरी बजाये गिरधारी

बाँसुरी बजाये गिरधारी

कृष्ण कान्हा

बाँसुरी बजाये गीरधारी ब्रज में भीड़ भारी ।
सखी संग नाचे वृषभानु दुलारी ब्रज में भीड़ भारी।

बाँसुरी की धुन पे कान्हा गौ भी झूमे
कदम की डाली मोहन तेरी पलकें चूमे
साथ गाये कोयलीया काली ब्रज में भीड़ भारी ।
बाँसुरी बजाये गिरधारी ब्रज मे भीड़ भारी ।


कमल के फूल माधव चरण को छुए
यमुना की जल श्यामा चरण को धोए
देखो मुस्काए सूरज की लाली ब्रज में भीड़ भारी ।
बाँसुरी बजाये गिरधारी ब्रज मे भीड़ भारी ।


एक तुम्हें प्यारी राधा दूजे तेरी वंशी
वात्सल्य प्रेम हो मोहन हृदय तेरी शांत सी
वेणुवाद पे सखा बजाये प्यारे ताली ब्रज में भीड़ भारी
बाँसुरी बजाये गिरधारी ब्रज मे भीड़ भारी ।


तू हो चितचोर श्यामा मनहरण तेरो मुखड़ा
देखो तेरी वंशी की धुन पे बादल भी उमड़े-घुमड़े
वन में नाचे मोरनी मतवाली ब्रज मे भीड़ भारी
बाँसुरी बजाये गिरधारी ब्रज मे भीड़ भारी ।


बाँके बिहारी बरबीगहीया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *