Category हिंदी कविता

भक्ति पर कविता

भक्ति पर कविता तोरन पुष्प सजाय केउत्सव माँ के द्वार!!! गीत सुरीले गूँजते,लटके बन्दनवार!!!! नाम अनेको दे दिए,माई जग में एक!!! नामित ब्रम्हाचारिणी,कर लेंना अभिषेक!! परम सुखी परिवार होमाँग भक्ति के भीख!!! चरण धूलि माथे लगावत्स भजन ले सीख!!! –राजेश पान्डेय वत्सकविता बहार…

हाथ जोड़कर विनय करू माँ

हाथ जोड़कर विनय करू माँ मंगल करनी भव दुख हरणी।माता मम् भव   सागर तरणी। हाथ जोड़कर विनय करू माँ।अर्ज दास की भी सुन लो माॅ  । निस दिन ध्यान करू मै मैया।तुम  हो  मेरी  नाव  खिवैया। तुम बिन कौन सुने…

हे महिषासुर मर्दिनी

हे महिषासुर मर्दिनी हे महिषासुर मर्दिनी ! आज फिर धरा पर आना होगा , नारी के मान , नारी की गरिमा कावसन फिर बचाना होगा ,छिपे बैठे है असुर कितनेमच्छरों सदृश मौकापरस्त कितने ,ढूंढ-ढूंढ कर उन दुश्शासनों कोमिट्टी में मिलाना होगा , हे…

village based Poem

आओ चले गाँव की ओर-रीतु देवी

आओ चले गाँव की ओर आओ चले गाँव की ओरगाँव की मिट्टी बुलाती उन्मुक्त गगन ओररस बस जाए गाँव में ही,स्वर्ग सी अनुभूति होती यहीं।खुला आसमाँ, ये सारा जहाँस्वछंद गाते, नाचते भोली सूरत यहाँ।आओ चले गाँव की ओरगाँव की मिट्टी…

विश्वास की परिभाषा – वर्षा जैन “प्रखर”

विश्वास की परिभाषा विश्वास एक पिता का कन्यादान करे पिता, दे हाथों में हाथयह विश्वास रहे सदा,सुखी मेरी संतान। योग्य वर सुंदर घर द्वार, महके घर संसारबना रहे विश्वास सदा, जग वालों लो जान। विश्वास एक बच्चे का पिता की बाहों…

आदि भवानी-रामनाथ साहू ” ननकी ”                  

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया…

सुलोचना परमार उत्तरांचली की कविता

सुलोचना परमार उत्तरांचली की कविता तो मैं क्या करूँ ? आज आसमाँ भी रोया मेरे हाल परऔर अश्कों से दामन भिगोता रहा,वो तो पहलू से दिल मेरा लेकर गयेऔर मुड़कर न देखा तो मैं क्या करूँ ? उनकी यादें छमाछम…

स्वच्छता पर कुंडलिया

स्वच्छता पर कुंडलिया घर घर में अब देश के, मने स्वच्छता पर्व।दूर करें सब गंदगी, खुद पर तब हो गर्व।खुद पर तब हो गर्व, न कोई कोना छोड़ें।बदलें आदत सर्व, समय का अब रुख मोड़ें।नद नालें हो साफ, बहे जल…

प्लास्टिक मिटा देंगे हम

प्लास्टिक मिटा देंगे हम दुनिया से प्लास्टिक मिटा देंगे हम. हम तुम सनम चलो खाले कसम |दुनिया से प्लास्टिक मिटा देंगे हम | ये गलता नही मिट्टी मे मिलता नही |खाती गाये पेट उनके पचता नहीं | मरती गायों को मिल…

मदारी-दिलीप कुमार पाठक “सरस”

“मदारी” बँदरिया प्यारी,        एक मदारी,           लेकर आया|तन लटा,      कपड़े फटे,          पेट धँसा,             फिर भी,            जबर्दस्ती मुस्कराया||जेठ का महीना,        …