Category विविध छंदबद्ध काव्य

कश्मीरी पत्थरबाजों पर दोहे

कश्मीरी पत्थरबाजों पर दोहे धरती का जो स्वर्ग था, बना नर्क वह आज।गलियों में कश्मीर की, अब दहशत का राज।।भटक गये सब नव युवक, फैलाते आतंक।सड़कों पर तांडव करें, होकर के निःशंक।।उग्रवाद की शह मिली, भटक गये कुछ छात्र।ज्ञानार्जन की…

रामनाथ की कुण्डलिया

रामनाथ की कुण्डलिया (1)  प्रातः  जागो भोर में ,                    लेके  हरि  का   नाम ।       मातृभूमि वंदन करो ,                    फिर पीछे सब काम ।।       फिर पीछे सब काम ,                   करो तुम दुनियादारी ।       अपनाओ    आहार ,                   शुद्ध ताजे  तरकारी ।।       कह…

मिल मस्त हो कर फाग में

मिल मस्त हो कर फाग में सब झूम लो रस राग में।मिल मस्त हो कर फाग में।।खुशियों भरा यह पर्व है।इसपे हमें अति गर्व है।।यह मास फागुन चाव का।ऋतुराज के मधु भाव का।।हर और दृश्य सुहावने।सब कूँज वृक्ष लुभावने ।।मन…

Radha kishna holi

होली के दोहे – बासुदेव अग्रवाल

होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है। यह भारत…

उपवन की कचनार कली है

            उपवन की कचनार कली है उपवन की कचनार कली है ।घर भर में  रसधार ढ़ली  है ।।यह दुहिता जग भार नहीं है ।अवसर दो  हकदार नहीं है ।।समय सुधा रस सिंचित  बेटी ।पथ गढ़ती अब किंचित बेटी ।।नव  युग  प्रेरक…

माँ पर कविता

    माँ पर कविता   बड़ी हसरत भरी आँखे लिए क्या           ताकती है माँ ।नहीं कहती जुबाँ से वो मगर कुछ           चाहती है माँ ।।बदलते रोज हम कपड़े नये फैशन             जमाने   के ,तुम्हे कुछ है पता साड़ी पुरानी           टांकती है माँ…

गौरी पर दोहे

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया…

पाती सैनिक का पत्नी के नाम

पाती सैनिक का पत्नी के नाम प्राण पिआरी दिल की रानी  | सदा सुहागिन होउ सयानी   ||आज तेरी चिट्ठी क्या आई   |  याद मुझे सबकी है सताई  ||वन्दवुं प्रथम बाबा अरु दादी | सीस झुकाऊँ मातु पिता जी  ||कैसे हैं…

पीड़ाएँ

पीड़ाएँ पिंजरा  चला  छोड़  कर , पंछी अनंत दूर ।यादें  ही  अब  शेष  हैं , परिजन  हैं  बेनूर ।। आँसू से रिश्ता घना ,  आँखों  ने ली जोड़ ।निर्मोही क्यों हो गये , ले गये सुख निचोड़ ।।गहनें सिसक रहे…

सेना पर कविता

सेना पर कविता सेना भारत वर्ष की, उत्तम और महान।इसके साहस की सदा, जग करता गुणगान।जग करता गुणगान, लड़े पूरे दमखम से।लेती रिपु की जान, खींच कर लाती बिल से।*और बढ़ाती *शान* , जीत बिन साँस न लेना।सर्व गुणों की…