चौपाई छंद [सम मात्रिक] कैसे लिखें

चौपाई छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्रा होती हैं , अंत में 21 या गाल वर्जित होता है , कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l

hindi sahityik class || हिंदी साहित्यिक कक्षा
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उदाहरण :
बिनु पग चलै सुनै बिनु काना,
कर बिनु करै करम विधि नाना l
आनन रहित सकल रस भोगी,
बिनु बानी बकता बड़ जोगी l
तुलसीदास

विशेष : इस छंद की मापनी को भी इसप्रकार लिखा जाता है –
22 22 22 22
गागा गागा गागा गागा
फैलुन फैलुन फैलुन फैलुन
किन्तु केवल गुरु स्वरों से बनने वाली इसप्रकार की मापनी द्वारा एक से अधिक लय बन सकती है तथा इसमें स्वरक(रुक्न) 121 को 22 मानना पड़ता है जो मापनी की मूल अवधारणा के विरुद्ध है इसलिए यह मापनी मान्य नहीं है , यह मनगढ़ंत मापनी है l फलतः यह छंद मापनीमुक्त ही मानना उचित है l

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