चौपई या जयकरी छंद [सम मात्रिक] विधान – इसके प्रयेक चरण में 15 मात्रा होती हैं, अंत में 21 या गाल अनिवार्य होता है, कुल चार चरण होते हैं, क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं l
उदाहरण :
भोंपू लगा-लगा धनवान,
फोड़ रहे जनता के कान l
ध्वनि-ताण्डव का अत्याचार,
कैसा है यह धर्म-प्रचार l
– ओम नीरव
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