दीप से दीप जले-श्याम कुँवर भारती

दीप से दीप जले 

दिल से दिल मिले ,दीप से दीप जले |
दिवाली मे हर मुख मुस्कान खिले |
हर घर हो रोशनी से जगमग |
घर गरीबो हो खुशिया दीप से दीप जले |
मिट्टी घर ही नहीं झोपड़ी उजाला रहे |
बच्चे जवान रहे मगन दीप से दीप जले |
दुश्मनी दुर्दिन दुर्भिक्ष जल खाक हो |
सुख शांति से घर भरे दीप से दीप जले |
मिले शकुन हर घर दरो दीवार मे |
बने घर मंदिर जकार रहे दीप से दीप जले |
आओ घर और मन का अंधकार भगाये |
घी के दिये जले फूलो घर सजे |
दीप से दीप जले |
रहे न कमी अन्न धन मंगल ही मंगल हो |
हो भारत भाग्योदय गाँव शहर झिलमिल |
दीप से दीप जले |   
श्याम कुँवर भारती [राजभर]
कवि ,लेखक ,गीतकार ,समाजसेवी ,
मोब /वाहत्सप्प्स -9955509286
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

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